Tuesday, March 19, 2024
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इस शनिवार कलर्स सिनेप्लेक्स और जियो सिनेमा पर एक साथ होगा हनुमान का प्रीमियर

भारतीय मनोरंजन उद्योग में पहली बार हनुमान फिल्म का प्रीमियर वायाकॉम 18 के हिंदी मूवी चैनल कलर्स सिनेप्लेक्स और ओटीटी प्लेटफॉर्म जियो सिनेमा पर एक साथ 16 मार्च को रात 8:00 बजे किया जाएगा

भारत, 14 मार्च, 2024: कलर्स सिनेप्लेक्स ने अत्यधिक प्रशंसित और सुपरहिट फिल्म ‘हनुमान, ब्रह्माण्ड का पहला सुपरहीरो’ के वर्ल्ड टेलीविज़न प्रीमियर की घोषणा की है। भारतीय मनोरंजन उद्योग में पहली बार, हनुमान कलर्स सिनेप्लेक्स और जियोसिनेमा पर एक साथ 16 मार्च, 2024 को रात 8 बजे प्रसारित होगी ।

अंजनाद्री के काल्पनिक गाँव में हनुमंथु को भगवान हनुमान की शक्तियाँ मिलती हैं, ताकि वह अपने गाँव वालो की रक्षा कर सके। तेजा सज्जा ने इस फिल्म में मुख्य नायक का किरदार निभाया है, जो एक रहस्यमय मणि का सामना करने के बाद खलनायक माइकल का सामना करता है। प्रशांत वर्मा द्वारा निर्देशित, तेलुगु भाषा की इस हनुमान फिल्म में अमृता अय्यर, वरलक्ष्मी सरथकुमार और समुथिरकानी सहित कई शानदार कलाकार हैं।

वर्ल्ड टेलीविज़न प्रीमियर के बारे में बात करते हुए, मुख्य अभिनेता तेजा सज्जा ने कहा, “मैं अपनी फिल्म, हनुमान के लिए मैं अपनी फिल्म हनुमान के प्रीमियर की खबर सुनकर बहुत खुश हूँ। यह फिल्म मेरे लिए बहुत खास है, और मेरा मानना है कि एक साथ कलर्स सिनेप्लेक्स और जियोसिनेमा पर प्रीमियर बड़े दर्शकों, खासकर युवाओं तक पहुँचने का एक उपयुक्त तरीका है। मुझे यकीन है कि हमारी इस फिल्म के द्वारा बच्चे भगवान हनुमान की शक्ति को और अधिक सरल व मनोरंजक तरीके से समझ पाएँगे। मुझे यह जानकर बहुत संतुष्टि मिलती है कि यह फिल्म और मैं वर्तमान पीढ़ियों के बीच हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और सराहना में योगदान दे रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि हर कोई हमारे इस ‘ब्रह्मांड के पहले सुपरहीरो’ की ताल पर झूम उठेगा।”

हनुमान ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ते हुए 330 करोड़ रु. से अधिक की कमाई कर दुनिया भर में और वैश्विक स्तर पर भी 2024 में 8वीं सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म की रैंकिंग हासिल की है। फिल्म को अपने आकर्षक वर्णन, आश्चर्यजनक दृश्यों और शक्तिशाली प्रदर्शन के लिए आलोचकों की भी प्रशंसा मिली है। निर्देशक प्रशांत वर्मा, जो अपनी पहली फिल्म एव के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता होने के लिए जाने जाते हैं, ने इस महाकाव्य हनुमान-सुपरहीरो कहानी के माध्यम से अपने दृष्टिकोण को जीवंत किया है।

यवतमाल में आयोजित महासंस्कृति महोत्सव में धार, मध्य प्रदेश की शान और लोकप्रिय कवि संदीप शर्मा का हुआ सम्मान

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यवतमाल, महाराष्ट्र, 13 मार्च, 2024: महाराष्ट्र सरकार के पर्यटन और संस्कृति विभाग और यवतमाल जिला प्रशासन द्वारा हाल ही में एक शानदार सांस्कृतिक महोत्सव, ‘महासंस्कृति महोत्सव’ का आयोजन किया गया, जिसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख हस्तियों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियाँ दीं। इस आयोजन में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री, संजय राठौड़ ने धार, मध्य प्रदेश की शान और लोकप्रिय कवि संदीप शर्मा को सम्मान प्रदान किया। समता मैदान स्टेडियम में आयोजित इस कवि सम्मेलन में, हजारों की संख्या में काव्य रसिकों की उपस्थिति के साथ, कवि संदीप शर्मा ने अपने काव्य पाठ में गगन भेदी तालियों और ठहाकों के कई अवसर प्रस्तुत किए। यह डॉ. कुमार विश्वास के संयोजन में एक विराट कवि सम्मेलन का शानदार अवसर था। इस महोत्सव में कैलाश खेर ने अपनी उपस्थिति से अद्भुत समाँ बाँध दिया। महासंस्कृति महोत्सव सांस्कृतिक विनिमय और उत्सव के लिए एक सार्थक मंच साबित हुआ, जिसने महाराष्ट्र और भारत की समृद्ध धरोहर का न सिर्फ मूल्यांकन, बल्कि उनका समर्थन भी किया। इस आयोजन ने स्थानीय समुदाय और प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों के आगंतुकों से खूब प्रशंसा बटोरीं।

“भीड़” के एक्सक्लूसिव प्रीमियर के साथ सिनेमाई हदें तोड़ने जा रहा है एंड एक्सप्लोर एचडी

एंड एक्सप्लोर एचडीचैनल एक बेमिसाल अनुभव का वादा करता है जो दर्शकों के लिए सिनेमा को अनबॉक्स करेगा। यह चैनल अब शनिवार, 16 मार्च को अभूतपूर्व फिल्म “भीड़” का प्रीमियर करने जा रहा है। यह हर फिल्म प्रेमी की मनोरंजन की जरूरतों को पूरा करेगा जो कि अनरूटीन, अनपेक्षित और अनफॉर्मूला है। चैनल के पास फिल्मों का एक विशाल भंडार है जो कहानी कहने की अभूतपूर्व खोज करता है।

“भीड़” कहानी कहने, सिनेमाई हदों से पार निकलने और कहानी की सीमाओं को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह फिल्म कोविड-19 महामारी की पृष्ठभूमि पर आधारित एक अनसुनी कहानी पर रौशनी डालती है। इसकी कहानी एक समर्पित पुलिस अधिकारी के रूप में सामने आती है, जिसे संकट के बीच प्रवासी मजदूरों को सीमा पार करने से रोकने का चुनौतीपूर्ण कार्य सौंपा जाता है। हालांकि, अधिकारी की यात्रा एक अनजाना मोड़ लेती है क्योंकि वो अपने चारों ओर पूर्वाग्रह और गहरे दर्द को देखता है, जिससे उसका कर्तव्य इंसानियत के लिए एक भावुक लड़ाई में बदल जाता है #UnlockHumanity। जाने-माने निर्देशक अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में पंकज कपूर, राजकुमार राव, भूमि पेडणेकर, दीया मिर्जा और कृतिका कामरा जैसे शानदार कलाकार हैं।

एंड एक्सप्लोर एचडीपर प्रीमियर होने जा रही “भीड़” को लेकर राजकुमार राव अपना उत्साह ज़ाहिर करते हुए कहते हैं, “यह फिल्म सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं है; यह अनसुनी और अनजानी कहानी कहने का एक जरिया है। एंड एक्सप्लोर एचडीहमारी अनूठी यात्रा के लिए एकदम सही जगह है, और मैं वास्तव में इस अनुभव को सभी के साथ साझा करने के लिए रोमांचित हूं। ‘भीड़’ कोई आम फिल्म नहीं है; यह एक खोज है, मानदंडों के लिए एक चुनौती है, और मुझे दर्शकों के इस ख़ास कहानी में गहरे उतरने का इंतजार है।”

दीया मिर्ज़ा ने कहा, “मुझे यकीन है कि अगर हम धरती माता की रक्षा करते हैं, तो वो भी हमारी रक्षा करेगी। भीड़, कोविड -19 महामारी के दौरान इंसानियत के सामने आने वाली चुनौतियों को गहराई से दर्शाती है, और एक ऐसी कहानी का हिस्सा बनना हमेशा से पुरस्कृत और स्फूर्तिदायक रहा है जो ऐसे गहन विषयों को संबोधित करती है। महामारी ने यह पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि हमें अपने जीने, उत्पादन, निर्माण और उपभोग के तरीके को बदलना होगा। इस फिल्म की शूटिंग एक भावनात्मक यात्रा रही है, किसी भी चीज़ से कहीं ज्यादा परिवर्तनकारी और मैं एंड एक्सप्लोर एचडी के दर्शकों के लिए इंसानियत और हौसले की इस खोज को शुरू करने के लिए उत्सुक हूं।”

निर्देशक अनुभव सिन्हा ने एंड एक्सप्लोर एचडी पर प्रीमियर के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “हमारे लिए, ‘भीड़’ एक फिल्म से कहीं ज्यादा है; यह इंसानी अनुभव की खोज है। मुझे सचमुच विश्वास है कि एंड एक्सप्लोर एचडी पर इसके प्रीमियर के साथ, हम ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक पहुंच पाएंगे, जो फिल्म के सार को समझ सकेंगे। भीड़ के कलाकारों के साथ शूटिंग करना वाकई एक सुखद एहसास था, जिससे यह पूरी टीम के लिए यादगार बन गया। अंत में, नई कहानियों के प्रति एंड एक्सप्लोर एचडीका समर्पण इसे बनाने के हमारे दृष्टिकोण के साथ पूरी तरह से मेल खाता है। यह हमारे लिए बिल्कुल सही मंच है।”

एंड एक्सप्लोर एचडी दर्शकों को एक बेमिसाल सिनेमाई सफर पर जाने और शनिवार, 16 मार्च को ‘भीड़’ का प्रीमियर देखने के लिए आमंत्रित करता है।

बॉलीवुड की तर्ज पर आयोजित होगा “एबीएस-जेएमएस जैन रत्न” अवार्ड समारोह

इंदौर, 14 मार्च, 2024: अखिल भारतीय श्वेतांबर जैन महिला संघ केंद्रीय इकाई, 7 अप्रैल को इंदौर के अभय प्रशाल आडिटोरियम में “एबीएस-जेएमएस जैन रत्न अवॉर्ड” का आयोजन करने जा रहा है। समारोह में समाज के प्रमुख व्यक्तित्वों, कलाकारों, उद्यमियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को उनके योगदान के लिए सराहा व सम्मानित किया जाएगा। इस भव्य आयोजन में विख्यात बॉलीवुड एक्टर एवं एंकर मनीष पॉल एंकरिंग करेंगे, और मशहूर बॉलीवुड अदाकारा पूनम ढिल्लों अवार्ड प्रेजेंट करेंगी।

अवार्ड फंक्शन को लेकर गुरुवार को रेस कोर्स रोड स्थित बास्केट बॉल क्लब कैंपस के रेस्त्रां में आयोजित हुई एक प्रेस वार्ता में संस्था की अध्यक्षा श्रीमती शकुंतलाजी सतीश जी पावेचा ने बताया कि “एबीएस-जेएमएस जैन रत्न अवॉर्ड का उद्देश्य समाज के अनमोल रत्नों को सम्मानित करना है, जो अपने विभिन्न क्षेत्रों में गहरी छाप छोड़ चुके हैं। ये व्यक्तित्व समाज के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं, जिनके योगदान को संघ उत्कृष्टता के साथ मान्यता प्रदान करना चाहता है।”

संगठन की संस्थापक अध्यक्षा श्रीमती रेखाजी वीरेंद्रजी जैन ने कहा, “संगठन में लगभग 5000 महिला सदस्य हैं। संस्था पिछले 29 वर्षों से महिलाओं के हित में कई समाज सेवा प्रकल्पों को निष्ठापूर्वक अंजाम देता आया है और समय-समय पर कई सामाजिक, मनोरंजक, सांस्कृतिक, व्यवसायिक इत्यादि प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करता रहा है। इस कार्यक्रम के जरिये हम समाज को बेहतर बनाने में सक्रीय भूमिका निभा रहे सदस्यों को सम्मानित करेंगे।”

इस अवसर पर, श्रीमती प्रीति गौतम अदाणी तथा श्री मोतीलाल जी ओसवाल को “भारत जैन रत्न अवार्ड” से सम्मानित किया जाना प्रस्तावित है। वहीं इस कार्यक्रम के लिए कई जानी मानी हस्तियों को आमंत्रित किया गया है, जिनमें कुछ बॉलीवुड के प्रमुख चेहरे भी होंगे। कार्यक्रम का माहौल बॉलीवुड के अवार्ड सेरेमनी की तर्ज पर होगा, जिसमें कई बॉलीवुड हस्तियां भाग लेंगी।

सांगली में अपने नवीनतम एक्सक्लूसिव स्टोर के लॉन्च के साथ पैन इंडिया रिटेल स्ट्रेटेजी को सुदृढ़ कर रहा है एसुस

सांगली, 5 मार्च, 2024: देश भर में ब्रैंड के रिटेल फुटप्रिंट को सुदृढ़ करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए, ताइवान की टेक जायंट कंपनी, एसुस इंडिया ने आज सांगली में अपने नए एक्सक्लूसिव स्टोर को शुरू करने की घोषणा की है। यह नवीनतम एक्सक्लूसिव स्टोर 410 वर्ग फुट में फैला हुआ है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्प्यूटर हार्डवेयर की एक विस्तृत श्रृंखला सहित एसुस फ्लैगशिप प्रोडक्ट्स की पेशकश करने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिनमें वीवोबुक, ज़ेनबुक, रिपब्लिक ऑफ गेमर्स (आरओजी) लैपटॉप्स, गेमिंग डेस्कटॉप्स, ऑल इन वन डेस्कटॉप्स और एक्सेसरीज़ शामिल हैं। यह सांगली में स्थित ब्रैंड का पहला एक्सक्लूसिव स्टोर है, जिसके साथ यह ब्रैंड पुणे शाखा (पश्चिम क्षेत्र) में 21 एईएस स्टोर्स, छठा एईएस स्टोर और दक्षिण महाराष्ट्र क्षेत्र में पहले पेगासस स्टोर की उपलब्धि हासिल कर चुका है।
इस विस्तार के बारे में बात करते हुए, जिग्नेश भावसार, नेशनल सेल्स मैनेजर- पीसी एंड गेमिंग बिज़नेस, एसुस इंडिया, ने कहा, “हम भारत में अपने रिटेल फुटप्रिंट के विस्तार की घोषणा करते हुए बेहद हर्षित महसूस कर रहे हैं। पश्चिम भारत हमारे लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है। ऐसे में, सांगली में नवीनतम ब्रैंड स्टोर का उद्घाटन हमारे लेटेस्ट इनोवेशन के बेहतर अनुभव के साथ, देश के विभिन्न क्षेत्रों में कंज्यूमर्स को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। एक स्ट्रेटेजिक रिटेल एक्सपांशन एप्रोच के साथ, हम अपने यूज़र्स के लिए और अधिक इंटरैक्शन व नए टच पॉइंट्स बनाना जारी रखेंगे।”
रिटेल स्टोर का पता: वेंकटेश सिस्टम्स
शहर / पता: इंदुमती कॉम्प्लेक्स, डीसीसी बैंक के पास, पुष्पराज चौक, सांगली

धातु और खनन उद्योग में नए पथ गढ़ रही हैं महिलाएं

पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 मनाने के लिए तैयार हो रही है। ऐसे में भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक वेदांता एल्यूमिनियम भी महिला सशक्तिकरण हेतु एक मुहिम पर तेजी से आगे बढ़ रही है और वह है वित्तीय वर्ष 2025 की समाप्ति तक अपने सकल कार्यबल में महिलाओं का अनुपात एक तिहाई करना। वेदांता एल्यूमिनियम का यह प्रयास उसकी इस प्रतिबद्धता का परिचायक है कि वह अपने संगठन में लैंगिक विविधता का विस्तार देना चाहती है और ऐसा करते हुए कंपनी परम्परागत तौर पर पुरुष प्रधान धातु व खनन उद्योग में लैंगिक अंतर को घटाने के लिए अहम कदम उठा रही है।

विश्व बैंक की रिपोर्ट (report by the World Bank) के अनुसार वैश्विक खनन कार्यबल में महिलाओं की तादाद महज 15 प्रतिशत है, और कुछ क्षेत्रों में तो और भी कम महिलाएं हैं। भारतीय धातु व खनन उद्योग में 2010 से 2015 के बीच महिलाओं की नुमाइंदगी मात्र 7 प्रतिशत ही थी। महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की कोशिशों के बावजूद औरतों को लेकर मौजूद पूर्वाग्रहों तथा आदर्शों के अभाव के चलते इस मामले में प्रगति बेहद धीमी रही है।

यह ऐसा उद्योग है जहां महिलाओं का प्रतिनिधित्व अत्यंत न्यून है, किंतु इस उद्योग में वेदांता एल्यूमिनियम एक ऐसी कंपनी है जो इस विषय पर मार्ग प्रशस्त कर रही है। आज वेदांता एल्यूमिनियम के कुल कर्मचारियों में 22 प्रतिशत महिला पेशेवर हैं। इस उद्योग में यह आंकड़ा सबसे अधिक है, लेकिन कंपनी यहीं नहीं रुकना चाहती, कंपनी का लक्ष्य और भी ऊंचा है। वेदांता एल्यूमिनियम साहस के साथ परम्परागत लैंगिक पक्षपात को चुनौती दे रही है, कंपनी एक समान कार्य परिवेश रच रही है जो कंपनी के उठाए कदमों से साबित होता है। कंपनी लैंगिक आधार पर नहीं बल्कि मेरिट के आधार पर दायित्व देती है, कंपनी समृद्ध कार्य सामग्री मुहैया कराती है और प्रगतिशील कार्यस्थल नीतियां लागू करती है जैसे कि महिलाओं के लिए रात की पाली की शुरुआत।

इन पहलों के बल पर वेदांता एल्यूमिनियम ने अग्रगामी महिलाओं का एक काडर निर्मित किया है जो भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में नए मानक स्थापित कर रही हैं। वे विभिन्न कोर फंक्शंस में उम्दा काम कर रही हैं जैसे माइन ऑपरेशन, मेटल प्रोडक्शन, पावर जेनरेशन, प्लांट मैनेजमेंट व असैट सिक्युरिटी। ये महिलाएं घिसीपिटी रवायतों को चुनौती देते हुए अपनी राह पर आगे बढ़ रही हैं और अपने उद्योग की रुढ़िवादी धारणाओं को नया आकार प्रदान कर रही हैं।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 के अवसर पर कंपनी ने ‘#TheFutureOfMetal’ कैम्पेन के तहत ’वुमेन ऑफ मेटल’ शीर्षक से लघु फिल्मों की एक श्रृंखला प्रस्तुत की है। इस कैम्पेन का लक्ष्य है ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को धातु व खनन उद्योग में कामयाब करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करना। इन लघु फिल्मों में युवा महिला पेशेवरों को वेदांता एल्यूमिनियम में रात की पाली के दौरान महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाते हुए दिखाया गया है। इस श्रृंखला की पहली फिल्म इस लिंक पर देखी जा सकती हैः- https://www.youtube.com/watch?v=KNyM7Fohlz0

भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बाल्को) में क्वालिटी अश्योरेंस प्रमुख अंजली पवार ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, ’’अपने डेढ़ दशक लम्बे अनुभव के दौरान मैंने स्वयं कंपनी की प्रक्रियाओं और मानकों को वैश्विक स्तर पर विकसित होते हुए देखा है। क्वालिटी अश्योरेंस केवल मानक कायम रखने तक नहीं है बल्कि इसका संबंध उत्कृष्टता एवं ग्राहक संतुष्टि की संस्कृति को पोषित करने से भी है। इस सफर में अगुआई करना बहुत ही तृप्तिदायक रहा है, इस भूमिका को मैंने अपनी अकादमिक विशेषज्ञता एवं एक उद्देश्य की भावना के संग निभाया है।’’

कंपनी की ये कोशिशें एक ऐसे समय में हो रही हैं जब धातु व खनन उद्योग इंडस्ट्री 4.0 टेक्नोलॉजीस व सस्टेनेबिलिटी अभ्यासों के बल से बदलाव के दौर से गुजर रहा है। ऑटोमेशन में वृद्धि तथा हरित समाधानों पर फोकस के साथ यह सेक्टर विविध करियर विकल्प मुहैया करता है जिनकी वजह से यह सभी पृष्ठभूमियों से आने वाले रोजगार आकांक्षियों के लिए आकर्षक उद्योग बन गया है।

वेदांता एल्यूमिनियम में ऐक्सप्लोरेशन मैनेजर शिवानी शर्मा ने आईआईटी रुड़की से जियोफिजिक्स में डिग्री ली है, उन्हें मिनरल ऐक्सप्लोरेशन में 16 से अधिक वर्षों का अनुभव है, वह कहती हैं, ’’मिनरल ऐक्सप्लोरेशन की दुनिया में आना मेरे लिए महज एक करियर चॉइस नहीं थी बल्कि यह व्यक्तिगत संतोष की ओर एक छलांग थी। परम्परागत रूप से पुरुष प्रधान उद्योगों में महिला सशक्तिकरण के परिवर्तनकारी प्रभाव का गवाह बनना अतुलनीय था। यहां मुझे अपनी पसंद का काम और करियर का उद्देश्य मिला है और इस सशक्तकारी आंदोलन का हिस्सा बन कर मैं बहुत रोमांचित हूं।’’

वेदांता एल्यूमिनियम अपनी पेरेंटहुड एंड चाइल्डकेयर पॉलिसी के साथ महिलाओं को जीवन के विविध अवस्थाओं में सहयोग देती है और उनकी निजी एवं पेशेवर जिम्मेदारियों के बीच एक निर्बाध संतुलन सुगम करती है। जीवनसाथी की नियुक्ति और विस्तारिक अवकाश जैसी पहलें इस तथ्य को रेखांकित करती है कि कंपनी पारिवारिक सहयोग एवं कर्मचारी कल्याण हेतु प्रतिबद्ध है।

लैंगिक समावेशन में नई इबारत लिखते हुए वेदांता एल्यूमिनियम ने ’श्री शक्ति’ पहल के जरिए अपने ओडिशा प्रचालनों में महिलाओं को रात की पाली में दायित्व देने जैसा अग्रणी कदम उठाया है। इससे धातु व खनन उद्योग में प्रवेश करने वाली महिलाओं के लिए करियर संभावनाओं में वृद्धि हुई है, जो महिलाएं एक समान करियर की आकांक्षा रखती हैं उनके लिए यह पहल उत्प्रेरक का काम करेगी। इसके अतिरिक्त कंपनी अपने प्लांटों के करीब रहन-सहन के विश्व स्तरीय इंतजाम रखती है जिससे कर्मचारियों व उनके परिवारों के बीच सामुदायिक एकता व कल्याण को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा, वेदांता एल्यूमिनियम ’प्रोजेक्ट पंछी’ जैसा अभिनव भर्ती कार्यक्रम भी चलाया है जिसका लक्ष्य है हाशिए पर रहने वाले ग्रामीण समुदायों की लड़कियों का सशक्तिकरण, इसके तहत कंपनी इन बालिकाओं को उच्च शिक्षा हेतु वित्तीय मदद देती है और शिक्षा पूरी होने के बाद उन्हें कंपनी में रोजगार के अवसर प्रदान है।

वेदांता झारसुगुडा, ओडिशा में असिस्टेंट मैनेजर जेपुलिना बोराह एक व्यापार विश्लेषक हैं और साथ ही वह अग्निवाहिनी फायर फाइटिंग टीम की अहम सदस्य भी हैं, इस टीम की सभी सदस्य महिलाएं हैं। वह बताती हैं, ’’फायर फाइटिंग टीम में शामिल होना ऐसा था जैसे मुझे अपनी जिंदगी में एक नया आयाम मिल गया हो। पेशेवर और निजी जिंदगी का संतुलन आसान नहीं था, मैं अग्निवाहिनी जैसे कार्यक्रमों की शुक्रगुजार हूं; यहां मैं सिर्फ विश्लेषण नहीं करती हूं बल्कि मैं बचाव भी करती हूं और आगे भी बढ़ती हूं।’’

वेदांता एल्यूमिनियम, झारसुगुडा, ओडिशा में पावर प्रोजेक्ट प्रमुख सुप्रिता नंदा 2004 में वेदांता झारसुगुडा में शामिल होने वाली पहली महिला हैं, वह विविधता की अहमियत पर जोर देती हैं। उनका कहना है, ’’देश की सबसे बड़ी विद्युत सम्पत्तियों में से एक हमारी कंपनी में है और यहां पावर प्रोजेक्ट की प्रमुख होना मेरे लिए अत्यंत गौरव का विषय है। अपने करियर की शुरुआत से ही मुझे जो सहयोग मिला है वह इस संगठन के प्रति मेरी सुदृढ़ प्रतिबद्धता की बुनियाद बना है। बतौर महिला मैं नेतृत्व की भूमिका में हूं, मुझे ऐसी कंपनी का हिस्सा होने पर गर्व है जहां महिलाओं के योगदान को महत्व दिया जाता है और महिला लीडरों की नई पीढ़ी को प्रेरित किया जाता है।’’

वेदांता एल्यूमिनियम एक ज्यादा समावेशी उद्योग की दिशा में अगुआई कर रही है, यह दुनिया भर की कंपनियों के लिए मिसाल कायम कर रही है। महिलाओं को सशक्त बना कर और अवरोधों को तोड़ कर यह संगठन न केवल अपने कार्यबल को समृद्ध कर रहा है बल्कि धातु एवं खनन के क्षेत्रों में नवोन्मेष एवं प्रगति को प्रेरण भी दे रहा है।

पीएम मोदी ने संदेशखाली को लेकर ममता पर किया प्रहार, फिर बताया पूरा देश क्यों है परिवार

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नई दिल्ली, . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के बारासात में ‘नारी शक्ति वंदन कार्यक्रम’ के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए संदेशखाली मामले को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर जोरदार प्रहार किया. वहीं, उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के उनके परिवार पर दिए विवादित बयान को लेकर फिर से उनको निशाने पर लिया.

रैली में पीएम मोदी ने बताया कि आखिर वह पूरे देश को अपना परिवार क्यों मानते हैं. उन्होंने एक पुरानी घटना का जिक्र किया.

पीएम मोदी ने बताया, ”जीवन का एक पहलू जिसके विषय पर मैं आमतौर पर नहीं बोलता हूं, लेकिन आज जब माताएं-बहनें बैठी हैं, तो मेरा बोलने का मन कर रहा है. कुछ लोगों को लगता होगा, किसी राजनेता ने मुझे गाली दी, इसलिए मैं इन सबको मेरा परिवार कह रहा हूं. लेकिन, मैं सच्चाई बताना चाहता हूं कि मैं बहुत छोटी आयु में एक झोला लेकर घर छोड़कर चला गया था. देश के कोने-कोने में भटक रहा था.

मेरी जेब में कभी एक पैसा नहीं रहता था. लेकिन, देशवासियों को जानकर गर्व होगा. मेरा देश कैसा है, मेरे देश की माताएं-बहनें कैसी हैं, मेरे देश का हर परिवार कैसा है, जेब में एक पैसा नहीं होता था, ना भाषा जानता था. कंधे पर एक झोला लटका हुआ था और मैं देखता था कोई ना कोई परिवार, माताएं-बहनें पता नहीं क्या कारण है कि मुझसे पूछ लेते थे कि भाई-बेटे कुछ खाना खाया कि नहीं और आज मैं देशवासियों को बता रहा हूं. मैं एक भी दिन भूखा नहीं रहा और इसीलिए मैं कहता हूं कि 140 करोड़ देशवासी ही मेरा परिवार हैं.”

पीएम मोदी ने संदेशखाली विवाद को लेकर बंगाल सरकार पर गरजते हुए कहा कि इसी धरती पर टीएमसी के राज में नारी शक्ति पर अत्याचार का घोर पाप हुआ है. संदेशखाली में जो कुछ भी हुआ, उससे किसी का भी सिर शर्म से झुक जाएगा. लेकिन, यहां की टीएमसी सरकार को आपके दुख से कोई फर्क नहीं पड़ता. टीएमसी सरकार बंगाल की महिलाओं के साथ अत्याचार करने वाले गुनाहगारों को बचाने के लिए पूरी शक्ति लगा रही है.

पश्चिम बंगाल के बारासात में पीएम मोदी ने कहा, ”पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट से भी राज्य सरकार को झटका लगा है. गरीब, दलित, वंचित, आदिवासी परिवारों की बहन-बेटियों के साथ टीएमसी के नेता जगह-जगह अत्याचार कर रहे हैं. लेकिन, टीएमसी सरकार को अपने अत्याचारी नेता पर भरोसा है, बांग्ला बहन-बेटियों पर भरोसा नहीं है. इस व्यवहार से बंगाल की महिलाएं, देश की महिलाएं आक्रोश में हैं. नारी शक्ति के आक्रोश का ये ज्वार संदेशखाली तक ही सीमित नहीं रहने वाला. मैं देख रहा हूं टीएमसी के माफिया राज को ध्वस्त करने के लिए बंगाल की नारी शक्ति निकल चुकी हैं.”

उन्होंने कहा, ”संदेशखाली ने दिखाया है कि पश्चिम बंगाल की बहन-बेटी की बुलंद आवाज सिर्फ और सिर्फ भाजपा ही है. तुष्टिकरण और टोलाबाजों के दबाव में काम करने वाली टीएमसी सरकार कभी भी बहन-बेटियों को सुरक्षा नहीं दे सकती. वहीं, दूसरी तरफ भाजपा की केंद्र सरकार है, जिसने बलात्कार और रेप जैसे संगीन अपराध के लिए फांसी की सजा तक की व्यवस्था की है. संकट के समय में बहनें आसानी से शिकायत कर सकें, इसके लिए महिला हेल्पलाइन बनाई गई है. लेकिन, टीएमसी सरकार इस व्यवस्था को यहां लागू नहीं होने दे रही है. ऐसी महिला विरोधी टीएमसी सरकार महिलाओं का कभी भला नहीं कर सकती.”

सागर भाटिया अपने नए सिंगल रोयी होवेगी* के साथ प्यार और हार की जटिलताओं पर प्रकाश डालते हैं

सागर भाटिया ने अपने कंटेंप्रोरी टच के साथ मॉडर्न जेनरेशन के लिए कव्वाली की शुरुआत करके भारतीय संगीत परिदृश्य में अपने लिए एक जगह बनाई है।सागर ने प्रतिष्ठित गीतों की कई खूबसूरत प्रस्तुतियाँ दी हैं और उनके मूल गीत दर्शकों के दिलों और प्लेलिस्ट में जगह बना रहे हैं। हाल ही में, उन्होंने रोई होवेगी के साथ एक और दिल को छू जाने वाला मूल एकल प्रस्तुत किया, जो श्रोताओं के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है।

रोयी होवेगी एक दिल को छू जानेवाला गाना है जो प्यार, हानि और अंततः स्वीकृति की जटिलताओं को उजागर करता है। अपने प्यारे बोल, सुखदायक धुन और सागर भाटिया के मिडास टच के साथ, यह श्रोताओं एक इमोशनल यात्रा पर ले जायेगा जो उन्हें निश्चितरूप से पसंद आएगा।

गाने के बारे में बात करते हुए, सागर ने कहा, “प्यार और हार एक यूनिवर्सल फीलिंग है और रॉयी होवेगी के साथ, मैंने और मेरी टीम ने एक ऐसा गाना बनाने की कोशिश की है जो इसके सार को सबसे शुद्ध तरीके से प्रस्तुत करता है। गाने की शूटिंग करना उतना ही भावनात्मक था जितना इसके लिए स्वर रिकॉर्ड करना क्योंकि इसने मुझे प्यार की सारी खुशी और दर्द का एहसास कराया। यह बहुत अच्छा लगता है कि गाना सुनते समय दर्शकों को भी ऐसा ही महसूस हुआ है।”

सागर भारतीय संगीत जगत के नए उभरते सितारे हैं और उनकी लोकप्रियता, जिसे सागर वाली कव्वालियों के नाम से जाना जाता है जो इसका प्रमाण है। गायक को धर्मा कॉर्नरस्टोन एजेंसी ने अपने कलाकार के रूप में अनुबंधित किया है और ऐसी अफवाहें हैं कि वह कुछ अद्भुत फिल्म संगीत और सिंगल्स के लिए करण जौहर के साथ भी सहयोग करेंगे।

शेमारू उमंग और टीवी के कलाकार आरती सिंह, स्वाति सिंह, अपर्णा दीक्षित और शैली प्रिया ने इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर रखें अपने विचार, जानिए !

दुनियाभर में हर साल 8 मार्च का दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन खासतौर पर महिलाओं और उनसे जुड़े मुद्दों को लेकर समर्पित है। ऐसे में शेमारू उमंग और टीवी के कलाकार आरती सिंह, स्वाति सिंह, अपर्णा दीक्षित और शैली प्रिया ने महिला सशक्तिकरण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अपने विचार साझा किए।

आरती सिंह – शेमारू उमंग – ‘श्रवणी’

शेमारू उमंग के शो ‘श्रवणी’ में मुख्य भूमिका निभा रही अभिनेत्री आरती सिंह ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को ध्यान रखते हुए कहा, “इस महिला दिवस पर, मैं महिलाओं की हिम्मत और जबाज़ी को सलाम करना चाहूंगी जो हर एक महिला को परिभाषित करती है। आज, हम नारीत्व की अविश्वसनीय यात्रा का जश्न मना रहे हैं, जहां हम दृढ़ संकल्प के साथ चुनौतियों का सामना करते हैं। निजी जीवन में संतुलन बनाने से लेकर हम अपनी प्रोफेशनल लाइफ को भी बड़ी सूझबूझ के साथ निभाती हैं, हम हर दिन अपनी असीमित क्षमताओं को प्रदर्शित करते हैं। मैं शेमारू उमंग के शो ‘श्रवणी’ के सेट पर सभी अभूतपूर्व महिलाओं के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं। हम साथ मिलकर एकता, प्रतिभा और अटूट भावना की शक्ति का उदाहरण पेश करते हैं। इस महिला दिवस की आप सभी को शुभकामनाएं!”

स्वाति शर्मा – शेमारू उमंग – ‘चाहेंगे तुम्हे इतना’ शो

शेमारू उमंग के ‘चाहेंगे तुम्हे इतना’ शो में आशी की मुख्य भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री स्वाति सिंह कहती हैं, “हर दिन, मुझे उन महिलाओं से प्रेरणा मिलती है जो मेरे आसपास मौजूद होती हैं, मेरा मार्गदर्शन करती हैं। मेरा मानना है कि उनकी कुछ सराहना विशिष्ट दिनों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि हमें उनका धन्यवाद हर दिन करना चाहिए। मेरी मां और मेरी बेस्ट दोस्त इफ्फत जहां हमेशा मेरे लिए एक सपोर्ट सिस्टम बनकर खड़ी रही हैं, जिन्होंने अपने प्यार और प्रोत्साहन से मेरी यात्रा को आकार दिया है। किसी भी क्षेत्र में, चाहे वह मनोरंजन हो या कोई और, सफलता लिंग की परवाह किए बिना योग्यता और कड़ी मेहनत पर आधारित होनी चाहिए और मुझे यह देखकर बहुत ख़ुशी होती है कि इस इंडस्ट्री में महिलाओं के लिए अवसर खुल रहे हैं और मैं शेमारू उमंग की ‘चाहेंगे तुम्हें इतना’ शो का हिस्सा बनने को लेकर आभारी हूं। एक ऐसी कहानी जो आशी जैसी मजबूत महिला को प्रदर्शित करती है। आइए मिलकर एक ऐसे भविष्य की दिशा में काम करना जारी रखें जो सभी के लिए न्यायसंगत हो।”

शैली प्रिया – शेमारू उमंग – ‘किस्मत की लकीरों से’

शेमारू उमंग के शो ‘किस्मत की लकीरों से’ की मुख्य अभिनेत्री शैली प्रिया बताती हैं, “महिला दिवस मेरे लिए एक विशेष स्थान रखता है क्योंकि हम अपने आस-पास मौजूद अविश्वसनीय महिलाओं का सम्मान करते हैं। व्यक्तिगत रूप से, मैं इस दिन को अपने जीवन में मौजूद महिलाओं से जोड़कर देखती हूँ खासकर मेरी मां! जो हमेशा अपने परिवार के लिए ढाल बनकर खड़ी रहती हैं। मेरा मानना है कि महिलाएं, एक गृहिणी होने के साथ हमारे जीवन में अन्य कई भूमिकाएं निभाने में सक्षम हैं। महिलाओं के लिए अपने स्वयं के मूल्य को पहचानना और बिना किसी सीमा के अपने सपनों को पूरा करना आवश्यक है। आज, हम महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति करते हुए देखते हैं। महिला सशक्तिकरण एक वैश्विक आंदोलन है, जिसमें महिलाएं बाधाओं को तोड़ रही हैं और हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। महिलाओं को अपने घरों और कार्यस्थलों दोनों में कार्यभार संभालते हुए देखना प्रेरणादायक है। यहां तक कि मनोरंजन इंडस्ट्री में भी, महिलाएं मुख्य भूमिका निभा रही हैं और ‘किस्मत की लकीरों से’ शो में अपने किरदार श्रद्धा को निभाते हुए मैंने उसे हर अनुभव के साथ विकसित और मजबूत होते देखा है। यह कई महिलाओं की यात्रा को दर्शाती है जो जीवन में अपनी वास्तविक शक्ति और क्षमता की खोज करती हैं।”

अपर्णा दीक्षित – शेमारू टीवी – ‘कर्माधिकारी शनिदेव’

शेमारू टीवी के शो ‘कर्माधिकारी शनिदेव’ में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं अभिनेत्री अपर्णा दीक्षित बताती हैं, “जैसा कि हम अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हैं, यह पूरे इतिहास में महिलाओं की शाश्वत शक्ति और महत्व की गहरी याद दिलाता है। पौराणिक कथाओं की पूजनीय देवियों से लेकर रोजमर्रा की जिंदगी की गुमनाम नायिकाओं तक, महिलाओं ने अपनी करुणा, और अटूट भावनाओं से दुनिया को आकार दिया है। शेमारू टीवी के ‘कर्माधिकारी शनिदेव’ शो में दामिनी जैसा महत्वपूर्ण किरदार निभाना किसी सम्मान से कम नहीं है जो नारीत्व के अदम्य सार का प्रतीक है। आइए हम समग्र रूप से समाज और मानवता के लिए उनके अमूल्य योगदान को पहचानते हुए, अपने जीवन में महिलाओं के योगदान की सराहनाएं करें।”

अपने चहेते कलाकारों के बारे में अधिक जानने के लिए बने रहें शेमारू उमंग और शेमारू टीवी पर।

खुद बीजेपी ही बीजेपी का विकल्प, मोदी-शाह की बीजेपी से बाहर आएगी भारतीय जनता पार्टी- अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)

आगामी आम चुनावों में अब कुछ ही दिनों का समय शेष है। निर्विवादित रूप से लोकप्रिय प्रधानमंत्री मोदी के एक बार फिर सत्ता में आने के कयास लगाए जा रहे हैं। जहां बीजेपी अबकी बार 400 पार का नारा बुलंद कर रही है वहीं विरोधी खेमा लगातार पतझड़ का सामना करने पर मजबूर है। ऐसे में बहुत आसार है कि ब्रांड मोदी एक बार फिर बीजेपी को सत्ता में लाने और अपनी पीएम पद की कुर्सी बचाने में सफल होंगे। लेकिन इस बार वह लगभग डेढ़ साल ही प्रधानमंत्री के रूप में देश को अपनी सेवाएं दे पाएंगे। इसकी सबसे बड़ी वजह पीएम मोदी की वर्तमान उम्र है। खुद बीजेपी आलाकमान जिसमें नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं, द्वारा बनाई गई 75 वर्ष की अलिखित सेवानिवृत्ति की आयु सीमा किसी से छिपी नहीं है और अपनी बात को पत्थर पर लकीर मानने वाले मोदी, इस बात और विषय की गंभीरता को भी अच्छी तरह समझते हैं। अब सवाल ये है कि सितम्बर 2025 में अपने ही बनाये नियम के अनुसार, जब पीएम मोदी अपने पद से इस्तीफा दे रहे होंगे, तब प्रधानमंत्री का उत्तराधिकारी कौन होगा? और क्या यही वो समय होगा जब बीजेपी के अंदर दो धड़े आमने सामने होंगे और प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए जंग करते नजर आएंगे?

चूँकि कांग्रेस पार्टी या इंडिया एलायंस में फिलहाल वह आत्मविश्वास नहीं झलकता है जो मोदी के जादुई तिलिस्म को भेद सके। नीति और नेता के अभाव वाली कांग्रेस अपना अस्तित्व खोती जा रही है तथा दिशा और नेतृत्व विहीन होकर चलने पर मजबूर है, जिसके आधार पर ये कहना भी आसान हो जाता है कि बीजेपी का विकल्प भी बीजेपी के पास ही नजर आता है। हालांकि पीएम मोदी का उनके पद से स्वेक्षापूर्वक हटना, बीजेपी को दो खेमों में बांटने का काम भी करने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि 2014 के बाद से मोदी-शाह की एक अलग बीजेपी प्रकाश में आई है। जिसमें ज्यादातर कांग्रेसी व अन्य दलों के नेता न केवल शामिल हैं बल्कि ऊंचे पदों पर बैठे हुए हैं। फिर वो ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय नेतृत्व में शामिल करने की बात हो या चह्वाण जैसे नेताओं को राज्यसभा और नीतीश कुमार जैसे व्यक्तिगत राजनीति में अधिक विश्वास रखने वाले नेताओं को मुख्यमंत्री की कुर्सी थमाने की बात हो। इस नई बीजेपी में कुछ अपवादों को छोड़ दें तो नए और बागी नेताओं को ही तोहफे के रूप में आगे बढ़ाने की परंपरा चली आ रही है। लेकिन जैसे मरी मछली धारा के साथ बहती है और जिन्दा मछली धारा के विपरीत, उसी समान मूल बीजेपी जिसमें लाल कृष्ण आडवाणी, मुरलीमनोहर जोशी से जुड़ी कड़ी से लेकर नीतिन गडकरी, उमा भारती या वसुंधरा राजे, शिवराज सिंह चौहान, सुरेश प्रभु, मेनका गाँधी जैसे नेता शामिल हैं, उनके अपने हक़ की मांग लेकर आगे आने की संभावना है। इसमें नीति निर्माता कहे जाने वाले आरएसएस से जुड़े कुछ बड़े नाम भी शामिल हो सकते हैं, जो उन भाजपाइयों को किनारे करने की डिमांड कर सकते हैं जिन्होंने सालों कांग्रेसी या गैर बीजेपी विचारधारा से चलने के बाद, अपने निजी लाभों के लिए बीजेपी का दामन थामा हुआ है।

एक बात जो दबे स्वर में ही सही लेकिन बीजेपी के भीतर सुनने को मिलती है कि मोदी-शाह के आगे किसी की नहीं चलती, लेकिन जब मोदी अपने शब्दों को सिद्ध करने वाली अपनी भव्य छवि के नीचे और न चाहते हुए भी अपने पद से इस्तीफा दे रहे होंगे तो संभवतः अपने उत्तराधिकारी के रूप में किसी बाहरी और बागी नेता को ही चुन सकते हैं। बहुत आश्चर्य नहीं होगा यदि वो नाम मोदी के करीब और ख़ास लोगों में गिने जा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया का हो। उम्मीद है नाम कोई ऐसा ही होगा जो मूल बीजेपी और आरएसएस के विश्वास मत से दूर होगा। यदि ऐसा होता है तो इसमें कोई दो राय नहीं कि बीजेपी दो अलग-अलग खेमों में बंटी नजर आएगी। एक वो जिसे मोदी-शाह की जोड़ी ने राजनीतिक लाभों के आधार पर तैयार किया है, दूसरी वे जिन्होंने बीजेपी को आधार दिया है। 2025 में भले मोदी पसंद का नेता उनके उत्तराधिकारी के रूप में कमान संभाले लेकिन यह स्थिति उस दीमक की तरह होगी जो पार्टी को अंदर ही अंदर खोखला कर रही होगी। इसके आधार पर हम यह भी अनुमान लगा सकते हैं कि 2027 तक बीजेपी के अंदर ऐसी स्थिति बन चुकी होगी कि 2029 के लोकसभा चुनावों में एक पार्टी के बैनर तले दो धड़े मैदान में होंगे।

ये लड़ाई बेशक दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल के लिए ऐतिहासिक होगी और इसके बाद पीएम पद के लिए जो नाम सामने आएगा वो भी बीजेपी के एक नए अध्याय की शुरुआत की तरह होगा। हालांकि अंत में इस बात को ध्यान रखना भी जरुरी है कि उपरोक्त सभी अनुमान, आसार व गणना तभी सार्थक सिद्ध होंगे जब पीएम मोदी अपनी पार्टी के बनाये नियम, जो कई दिग्गजों पर लागू हो चुके हैं, पर टिके रहते हुए, अपने पद से इस्तीफा देंगे। हालांकि यहाँ ये भी गौर फ़रमाया जायेगा कि पंडित नेहरू के सबसे अधिक दिनों तक प्रधानमंत्री रहने के रिकॉर्ड को तोड़ने की मनसा के साथ बीजेपी खेमे द्वारा ऐसा कोई ऐसा कैम्पेन नहीं चलाया जा रहा होगा कि देश को सिर्फ मोदी की ही जरुरत है, मोदी नहीं तो देश नहीं।