Monday, May 20, 2024
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सेवादल संस्थापक हार्डिंकर को जन्म जयंती पर दी पुष्पांजलि

जगोटी । अखिल भारतीय कांग्रेस सेवादल के संस्थापक डा नारायण सुब्बाराव हार्डिंकर की जन्म जयंती पर रविवार को शहरजिला ग्रामीण कांग्रेस सेवादल  द्वारा जगोटी में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मौन श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए संगठन के प्रति निष्ठा से कार्य करने का संकल्प लिया। अध्यक्षता जिला ग्रामीण अध्यक्ष डा चैनसिह चौधरी ने की। दिवंगत नेता सुब्बाराव जी के चित्र पर माल्यार्पण जिला कांग्रेस कमेटी महामंत्री अनन्त शर्मा ने किया। इस अवसर कांग्रेस नेता रणछोड़ सिंह आंजना महूडी, कांग्रेस जगोटी मंडलम अध्यक्ष रामसिंह काका चौधरी, आदेश शर्मा, भंवरलाल परमार,हाईद खां, बंटी चौहान,ओम आंजना आदि ने पुष्पांजलि अर्पित की। संचालन सेवादल के मंडलम अध्यक्ष जगदीश वर्मा ने

उक्त जानकारी मीडिया समन्वयक अर्जुन शर्मा ने दी।

शिप्रा प्रवाहमान बने और महाकाल मंदिर का व्यवसायीकरण रुके

उज्जैन। सिंहस्थ से पहले शिप्रा नदी को प्रवाहमान बनाया जाए और इसके लिए सरकार साधु संतों के साथ विचार विमर्श कर  योजना बनाए ताकि कुंभ में साधु संत पर्व और शाही स्नान शिप्रा के जल में कर सकें। 

अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्री महंत हरिगिरी जी महाराज साधु संतों के साथ गंगाघाट स्थित मौनतीर्थ पीठ पहुंचे और निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. सुमनानंद गिरी से भेंट हुई। इस दौरान अखाड़ा परिषद ने भी इस बात पर सहमति जताई है कि शिप्रा नदी को प्रवाहमान बनाने के लिए शासन और प्रशासन को अभी से प्रयास करना चाहिए। इसके लिए साधु संतों के साथ बैठक कर विचार विमर्श भी करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि महामंडलेश्वर स्वामी सुमनानंद गिरी जी ने शिप्रा नदी को प्रवाहमान बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को सौंपा था। 

मौनतीर्थ पर सभी साधु संतों का सम्मान किया गया एवं महाकाल मंदिर के बढ़ते व्यवसायीकरण को लेकर भी चर्चा हुई। महाकाल मंदिर प्रशासन द्वारा दर्शन और प्रोटोकॉल दर्शन लिए शुल्क अनिवार्य कर दिया है। गर्भगृह में जल चढ़ाने के लिए भी राशि निर्धारित की गई है। इसको लेकर भी साधु संत प्रशासन से चर्चा करेंगे। भेंट के दौरान इलाहाबाद के संत भी उपस्थित थे।

अहिंसावादी पार्टी का इंदौर में हुआ गठन

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इंदौर : मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में 6 माह का समयावधि शेष बचा है, इसी बीच इंदौर में स्वास्थ और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के उद्देश्य से गौरक्षक हिन्दू युवारत्न विनायक अशोक लुनिया के नेतृत्व में शनिवार को खजराना गणेश मंदिर में प्रथमपूज्य श्री गणेश जी के समक्ष अहिंसावादी पार्टी का गठन हुआ। पार्टी कार्यलय में हुई बैठक में पार्टी सूत्रधार श्री लुनिया के प्रस्ताव पर पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष पद के लिए श्री विशाल जैन सिलीगुड़ी पश्चिम बंगाल एवं राष्ट्रीय महासचिव पद पर इंदौर की वरिष्ठ अधिवक्ता सुश्री शीतल जैन को पार्टी संस्थापक समिति सदस्यों ने मनोनीत किया । साथ ही पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सामाजिक सक्रीय युवा नेता मीतेश रेडवाल इंदौर व पार्टी महिला मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष पद पर अधिवक्ता कीर्ति श्रीराम कटारने, सांवेर को मनोनीत किया गया। वहीँ शपथ आयुक्त श्रीमती नफीस जहाँ इंदौर के समक्ष समस्त पदाधिकारियों ने शपथ ग्रहण किया तो वहीँ सैकड़ों की तादात में अहिंसावाद पर विश्वास रखने वाले कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।  

शिक्षा – स्वास्थ – न्यायिक व्यवस्था पर होगा फोकस – शीतल जैन
पार्टी महासचिव शीतल जैन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया की अहिंसावादी पार्टी द्वारा इंदौर सहित प्रदेश भर के करीब 60 से अधिक सीटों पर सस्ते शुल्क पर उच्च स्तरीय शिक्षा एवं हर कॉलोनी में 2 बिस्तर का प्राथमिकी चिकित्सालय बनाने व न्यायिक व्यवस्था के मुद्दे को लेकर चुनाव लड़ेंगे।

आज से शहर में “हर व्यक्ति स्वस्थ – घर हर घर आरोग्य अभियान”
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मीतेश रेडवाल ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा की आज सोमवार से लगातार इंदौर जिले में “हर व्यक्ति स्वस्थ – घर हर घर आरोग्य अभियान” के तहत पार्टी कार्यकर्त्ता घर घर जाकर निशुल्क रक्तचाप, मधुमेह, ऑक्सीजन लेवल जाँच, वजन आदि परिक्षण कर ऑनलाइन चिकित्सज्ञों के द्वारा परामर्श प्रदान किया जायेगा जिससे भागदौड़ भारी जिंदगी में शहर की कई घातक बिमारियों की तरफ बढ़ता जा रहा है ऐसे में “हर व्यक्ति स्वस्थ – हर घर आरोग्य अभियान” शहर को आरोग्य (बेहतर स्वास्थ) प्रदान करने में अहम् भूमिका निभाएगा।

खान-पान में छिपी है परंपरा, इतिहास, आदत और संस्कृति की पहचान

युकसोम, । यदि हम वैसे ही हैं जैसा हमारा भोजन है, तो हम क्या हैं? लेखिका शैलाश्री शंकर की किताब टर्मरिक नेशन: ए पैसेज थ्रू इंडियाज टेस्ट्स में खान-पान को परंपरा, धर्म, इतिहास, आदत, जेनेटिक्स, भूगोल आदि के नजरिए से देखने और समझने की कोशिश की गई है। यह पुस्तक लेखों का संग्रह है। शैलाश्री दिल्ली के सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च में सीनियर फेलो हैं।

राज्य सरकार द्वारा टीमवर्क आर्ट्स के सहयोग से आयोजित सिक्किम आर्ट एंड लिटरेचर फेस्टिवल (6-8 मई) के पहले संस्करण के दौरान शंकर ने आईएएनएस को बताया, यही तथ्य हमें सही से परिभाषित करता है कि हम एक समान नहीं हैं। हमारी खाद्य संस्कृति के लिए भी यही सही है।

अतीत में कई लोगों ने इस देश को जीता, लेकिन लेखिका को लगता है कि उनमें से किसी ने भी यहां के जीवन के तौर-तरीकों को समाप्त नहीं किया बल्कि खुद इस भूमि के कई सांस्कृतिक पहलुओं को अपनाया। यहां के स्थानीय स्वाद को चखने के बाद अपने भोजन में मसालों को शामिल कर कई नए व्यंजन विकसित करने वाले मुगलों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, विदेशों में मुगलई व्यंजनों को ही भारतीय व्यंजनों के रूप में जाना जाता है। बिना इस बात को जाने कि यह अपने-आप में कितने अलग-अलग अर्थो को समाये हुए है और स्वाद कहां से आया है, भोजन की धारणा के बारे में बात करना गलत होगा।

भोजन द्वारा बनाई गई विभिन्न पहचानों को मोजाइक के रूप में देखते हुए और विविध मोजाइकों की जांच करते हुए, लेखिका भोजन को विभिन्न धर्मों के चश्मे से देखती हैं। अतीत में आधुनिक चिकित्सा के आने से पहले मुसलमान यूनानी और हिंदू आयुर्वेदिक सिद्धांतों का उपयोग करते थे। उस समय हम जो खाते थे उसका भी एक समग्र तौर-तरीका था। खाने पकाने के तरीके में संतुलन था। आम का शरबत पीने के साथ इसे किसी और चीज से संतुलित करना या बरसात में मछली नहीं खाना आदि। यह इस बारे में भी है कि यह हमारे व्यक्तित्व के बहुत से पहलुओं को कैसे प्रभावित करता है और हम अपने बचपन के खाद्य पदार्थों की ओर कैसे लौटते हैं। आप जिस भोजन के साथ सहज हैं उस पर लौटते हैं, लेकिन साथ ही प्रयोग भी करते हैं। और हमें नहीं भूलना चाहिए कि अतीत में भोजन किसी की पहचान – जाति, धर्म और पदानुक्रम का एक प्रमुख चिह्न् था। ब्राह्मण मांसाहार नहीं खाएंगे, जबकि क्षत्रिय और अन्य लोग खाएंगे।

लेकिन एक राजनीतिक विश्लेषक ने भोजन के बारे में क्या लिखा? शंकर ने कहा कि इसे लेकर उनके मन में हमेशा एक अजीब आकर्षण रहा है। पिछले 25 साल से वह खान-पान के संस्मरण और खाना पकाने की विधि की किताबें पढ़ रही हैं – हर समय नया कुछ बनाती रहती हैं। वह खुद को नौसिखिया कहती हैं। उन्हें लगता है कि उनके मन में जो सवाल हैं वह दूसरे लोगों के मन में भी होंगे। वह कहती हैं, यह किताब लिखने के लिए मैंने उन प्रश्नों के उत्तर अलग-अलग जगहों पर तलाशने की कोशिश की। मैंने विज्ञान, मानव विज्ञान और पुरातत्व में उत्तर ढूंढा, और विद्वानों ने किस प्रकार इनका उत्तर दिया है यह देखा। यही कारण है कि हल्दी राष्ट्र थोड़ा अलग है – इसमें एक नौसिखिए का अंदाज है – इसलिए यह अत्यधिक प्रयोगात्मक है और कुछ लेख दूसरों की तुलना में बेहतर हैं।

अब लेखिका ऐसी चीज पर ध्यान केंद्रित करना चाहती हैं जिसके प्रति वह हमेशा आकर्षित रही हैं – क्राइम फिक्शन। वास्तव में, उसकी पांडुलिपि पहले से ही लंदन में उसके एजेंट के पास है।

अगले साल गणतंत्र दिवस परेड में केवल महिलाएं होंगी शामिल: रक्षा मंत्रालय

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नई दिल्ली, । विभिन्न सेक्टरों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार ने तय किया है कि कर्तव्य पथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस परेड में मार्च पास्ट, झाकिंयां और परफॉर्मेस में सिर्फ महिलाएं शामिल होंगी।

रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में सैन्य बलों तथा परेड में शामिल होने वाले अन्य सरकारी विभागों को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि मार्च पास्ट करने वाले दस्ते और उनके साथ जुड़े बैंड तथा झांकियों में सिर्फ महिला प्रतिभागी होंगी।

इस पत्र ने कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को आश्चर्य में डाल दिया है और भ्रम की स्थिति पैदा की है। कई लोगों का मानना है कि इसके लिए सेना में पर्याप्त महिलाएं उपलब्ध नहीं हैं। वर्तमान स्थिति यह है कि मार्च करने वाली कुछ टुकड़ियों में केवल पुरुष होते हैं।

गौरतलब है कि सशस्त्र बलों ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं को कमान की भूमिका सौंपने, भविष्य की नेतृत्वकारी भूमिकाओं के लिए तैयार करने और आर्टिलरी रेजीमेंट में शामिल करने जैसे कई उपाय किए हैं।

जानकारी के मुताबिक, परेड में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने का फैसला 7 फरवरी को हुई एक बैठक के दौरान लिया गया था। रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने की अध्यक्षता में हुई बैठक में सेना, नौसेना, वायु सेना, गृह मंत्रालय, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया था।

बैठक के लगभग एक महीने बाद, रक्षा मंत्रालय ने 1 मार्च को भाग लेने वाले बलों, मंत्रालयों और विभागों को औपचारिक रूप से एक पत्र जारी किया।

पत्र में अगले साल होने वाली परेड में महिलाओं की भूमिका पर जोर दिया गया।

पत्र में कहा गया है कि विस्तृत विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया है कि कर्तव्य पथ पर परेड में शामिल होने वाली टुकड़ियों (मार्चिग और बैंड), झांकी और अन्य प्रदर्शनों में केवल महिला प्रतिभागी होंगी।

सभी भाग लेने वाले मंत्रालयों, विभागों और संगठनों को भी इसके लिए तैयारियां शुरू करने और इस दिशा में प्रगति के बारे में समय-समय पर रक्षा मंत्रालय को बताने के लिए कहा गया है।

कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि सरकार वही करेगी जो व्यावहारिक है, और फिलहाल सभी माचिर्ंग और बैंड दस्तों में केवल महिला प्रतिभागियों का होना मुश्किल है।

गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस परेड में पैदल सेना के माचिर्ंग दस्ते में जवानों की संख्या सबसे अधिक होती है। अधिकारियों का तर्क है कि अभी तक पैदल सेना में महिलाओं को शामिल नहीं किया गया है। उनका कहना है कि माचिर्ंग टुकड़ियों का नेतृत्व करने वाले अधिकारियों में अधिकारी रैंक से नीचे के कर्मी (पीबीओआर) होते हैं और सेना में पीबीओआर की महिला कर्मी केवल सैन्य पुलिस कोर में होती हैं।

तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर मुठभेड़ में मारे गए दो माओवादी

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हैदराबाद, । तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले में तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में दो माओवादी मारे गए।

मुठभेड़ जिले के चेरला मंडल के पुट्टपडु जंगल में हुई।

मृतकों में कथित तौर पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का आईओएस कमांडर राजेश शामिल है।

यह घटना तब हुई जब तेलंगाना के माओवादी विरोधी बल ग्रेहाउंड के कर्मी जंगल में तलाशी अभियान चला रहे थे। ग्रेहाउंड्स के साथ माओवादियों का आमना-सामना हो गया। जब उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में माओवादी विरोधी बल ने भी गोलियां चलाईं।

मोदी के मेगा रोड शो के दम पर भाजपा को बेंगलुरु की 28 में से ज्यादातर सीटें जीतने की उम्मीद

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बेंगलुरु, । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय मेगा रोड शो के बाद भाजपा बेंगलुरु की 28 विधानसभा सीटों में से अधिकांश पर जीत की उम्मीद कर रही है।

बेंगलुरु में पीएम मोदी का दूसरे दिन का रोड शो रविवार को हो रहा है।

हालांकि दक्षिण कर्नाटक में भाजपा का आधार कमजोर माना जाता है, लेकिन बेंगलुरु में उसकी जड़ें मजबूत हैं। आईटी सिटी में पिछले चुनाव में भाजपा ने 15 सीटों पर जीत हासिल की थी। पीएम मोदी की अभूतपूर्व पहुंच के साथ, भगवा पार्टी इस बार अकेले बेंगलुरु में कम से कम 20 सीटें जीतने की उम्मीद कर रही है।

पिछले विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं जबकि जद (एस) के खाते में एक सीट गई थी। ऑपरेशन लोटस के बाद भाजपा को राज्य में वोक्कालिगा चेहरे और नेतृत्व मिल गया है। पीएम मोदी ने पिछले साल नवंबर में बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के परिसर में 108 फीट ऊंची नादप्रभु केम्पे गौड़ा की प्रतिमा का उद्घाटन किया था और राज्य की राजधानी में एक नई मेट्रो लाइन का भी उद्घाटन किया था।

वरिष्ठ नेता अरविंद लिंबावली की जगह उनकी पत्नी को टिकट देने के अलावा भाजपा ने शहर में टिकट बंटवारे को लेकर कोई प्रयोग नहीं किया है। गोविंदराजा नगर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले आवास मंत्री वी. सोमन्ना को विपक्ष के नेता सिद्धारमैया को हराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह मैसूर जिले की वरुणा सीट और चामराजनगर जिले की चामराजनगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। गोविंदराजनगर में पार्टी ने पूर्व पार्षद उमेश शेट्टी को अपना उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा जयनगर सीट को दोबारा हासिल करना चाहती है, जिसे वह विधायक बीएन विजयकुमार के निधन के बाद कांग्रेस से हार गई थी। कांग्रेस के शक्तिशाली नेता रामलिंगा रेड्डी की बेटी सौम्या रेड्डी ने भाजपा उम्मीदवार को हराया था।

उन्होंने भाजपा उम्मीदवार और दिवंगत विधायक विजयकुमार के भाई बी.एन. प्रह्लाद को 2,887 मतों से हराया था। इस निर्वाचन क्षेत्र में काफी मुस्लिम मतदाता हैं। भाजपा ने इस बार पार्टी के वफादार कार्यकर्ता सी.के. राममूर्ति को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस की तरफ से सौम्या रेड्डी दूसरी बार चुनाव लड़ रही हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को 29.8 किलोमीटर का रोड शो किया। पूरे क्षेत्र में लोगों की प्रतिक्रिया ने भाजपा खेमे को हर्षित कर दिया है। उनमें जीत की उम्मीद जगी है। भाजपा के सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी के अभियान ने आईटी सिटी में पिछले साल बाढ़ की स्थिति के दौरान बुनियादी ढांचे की विफलता की कड़वी यादों को मिटाने में भाजपा की मदद की है।

डॉ. त्रिलोक गोयल और डॉ. सिमरन वर्मा को आयुर्वेदिक चिकित्सा पर व्याख्यान, शोध और विकास कार्य के लिए रूस द्वारा आमंत्रित

जयपुर के डॉ. त्रिलोक गोयल और डॉ. सिमरन वर्मा को आयुर्वेद के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के सम्मान में रूस के प्रतिष्ठित सम्मेलन में आयुर्वेदिक चिकित्सा पर व्याख्यान एवं आगे के शोध और विकास कार्य के लिए रूस द्वारा आमंत्रित किया गया है।
गोल्ड मेडलिस्ट एमडी डॉक्टर गोयल राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान से प्रशिक्षित हैण् डॉ गोयल 15 से अधिक वर्षों से नाड़ी द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सा और पारंपरिक आयुर्वेदिक तकनीकों का उपयोग करके अनगिनत रोगियों का इलाज कर रहे है,


रशियन मेडिकल संस्थान ने आयुर्वेदिक चिकित्सा के मूल्य और अपने नागरिकों के स्वास्थ्य और उसमें सुधार करने की क्षमता को पहचाना है डॉक्टर गोयल और डॉक्टर सिमरन जैसे विशेषज्ञों से सीखने और अपने स्वास्थ्य प्रणाली में आयुर्वेद के एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

महर्षि बद्री जयपुर की उच्च कोटि की औषधियां परीक्षण के आधार पर रशियन रोगियों को दी गई जिसका परिणाम बहुत सकारात्मक और लाभदायक पाया गया।
डॉक्टर गोयल अपने रूसी समकक्ष के साथ अपने ज्ञान और विशेषज्ञता को साझा करने के अवसर को लेकर उत्साहित हैं उनका मानना है समग्र स्वास्थ्य और भलाई को बढ़ावा देने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा में बहुत कुछ हैण्

प्रशासन की कड़ी मेहनत के बाद खुला बदरीनाथ यात्रा मार्ग

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चारधाम यात्रा के दृष्टिगत बदरीनाथ मोटर मार्ग पर हेलंग में हुए भारी भूस्खलन एवं बोल्डर को साफ कर लिया गया है। जनपद चमोली अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात हेतु सामान्य सुचारू हो गया है। देर रात तक चमोली ज़िला प्रशासन और पुलिस की टीम ने इसे खुलवाने के लिए कड़ी मेहनत की।  दर असल चार धाम यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव बदरीनाथ धाम को जाने वाली मुख्य सड़क पर गुरुवार को पहाड़ी से मलबा आने के कारण मुख्य मार्ग बंद हो गया था। यह स्थान पीपलकोटी से जोशीमठ के मध्य हेलंग के बताया जा रहा था।

एसपी चमोली प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने बताया कि मार्ग को खोल दिया गया है।यह सूचना मिलते ही कुछ लोगों को पहले ही रास्ते में रोक दिया गया था दो जेसीबी मशीन के माध्यम से मार्ग खोलने के लिए लगाए गए थे  जिन्हें 3 से 4 घंटे का वक्त लगा है।

सुहागन बनने के कुछ ही घंटे में विधवा बन गई दुल्हन, दूल्हे की हार्ट अटैक से मौत

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भागलपुर , बिहार के भागलपुर के विवाह समारोह की खुशी कुछ ही पलों में मातम में बदल गई जब कुछ ही समय पूर्व सुहागन बनी दुल्हन दूल्हे के निधन के बाद विधवा बन गई। पूरा मामला भागलपुर के एक विवाह भवन का है, जहां बुधवार की रात खंजरपुर के झौवा कोठी के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर दिलीप प्रकाश की शादी झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम की आयुषी से हुई। देर से शुरू हुई शादी के रस्म रिवाज निभाने में हुई देरी के कारण विवाह कार्यक्रम गुरुवार सुबह पांच बजे तक चलता रहा। बताया जाता है कि सुबह आठ बजे दूल्हा जब दुल्हन को विदा कराने को लेकर तैयारी में था, तभी उसके सीने में अचानक तेज दर्द हुआ और वह कुर्सी से नीचे गिर गया। परिवार वाले उसे मायागंज अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने देखते ही उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद दोनों परिवार में कोहराम मच गया। दुल्हन के जोड़े में अस्पताल पहुंची आयुषी ने पति को मृत देख बहदवास होकर गिर पड़ी। आयुषी दहाड़ मारकर रोते रोते कह रही थी कि जब साथ निभाना ही नहीं था तो मेरी जिंदगी में आए क्यों? लड़की पक्ष के लोगों की सूचना पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। दिलीप दिल्ली में एक निजी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर था। आशंका व्यक्त की जा रही है कि दिलीप की हार्ट अटैक से मौत हो गई है।