नई दिल्ली, । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खाद्य तेलों और दालों का आयात कम करने की जरूरत पर बल देते हुए शनिवार को कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहकारी समितियां प्रमुख भूमिका निभा सकती हैं।
प्रधानमंत्री आज दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र (आईईसीसी) में 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने सहकारी विपणन के लिए ई-कॉमर्स वेबसाइट और सहकारी विस्तार और सलाहकार सेवा पोर्टल के ई-पोर्टल भी लॉन्च किए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत काल में गांवों और किसानों के विकास में सहकारी क्षेत्र की भूमिका बड़ी होने वाली है। उन्होंने जोर देकर कहा, “सरकार और सहकार (सरकार और सहकारिता) मिलकर विकसित भारत के सपने को दोगुनी ताकत प्रदान करेंगे।” उन्होंने बताया कि डिजिटल इंडिया अभियान के माध्यम से सरकार ने पारदर्शिता बढ़ाई और लाभार्थियों के लिए लाभ सुनिश्चित किया। आज, सबसे गरीब लोगों का मानना है कि ऊपरी क्षेत्रों में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को समाप्त कर दिया गया है। सहयोग पर फोकस के साथ यह जरूरी है कि हमारे किसान और पशुपालक लोग इसे दैनिक जीवन में महसूस करें। यह जरूरी है कि सहकारी क्षेत्र पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त शासन का मॉडल बने। इसके लिए सहकारी क्षेत्र में डिजिटल प्रणालियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपने डिजिटल लेनदेन के लिए दुनिया में जाना जाता है। उन्होंने सहकारी समितियों और बैंकों से डिजिटल लेनदेन के मामले में आगे रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे बाजार में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी, साथ ही बेहतर प्रतिस्पर्धा भी संभव होगी।