Sunday, May 12, 2024
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भगवान को कभी नहीं भूलना चाहिए, अंत तक वही साथ देता है : जया किशोरी

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आरके ड्रीम्स में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में सुनाया नृसिंह अवतार की कथा

उज्जैन। संसार में रहना, परिवार में रहना, व्यापार करना, धन कमाना, यह सब गलत नहीं है। गृहस्थ हैं तो यह सब करना ही है। पर इन सबको करने में भगवान को भूलना गलत है। भगवान को नहीं मानना गलत है। सफल होना मुश्किल नहीं है, सफल रहना मुश्किल है। सफलता बनाए रखना कठिन है। भगवान तो धन, दौलत, शोहरत, प्रतिष्ठा सब देने को तैयार हैं, परंतु असली परीक्षा ये सब मिलने के बाद होती है। जब व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है। भगवान कहते हैं कि ये सब मिलने के बाद सदुपयोग नहीं किया तो यह सब वापस चली जाएगी। हमारे दुखों का कारण उम्मीद है। किसी से भी उम्मीद न लगाएं। बस भगवान से उम्मीद लगाएं। वह कभी धोखा नहीं देता। भगवान रास्ता बताते हैं।
यह बात हामूखेड़ी स्थित आरके ड्रीम्स में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कथावाचक जया किशोरी ने कही। उन्होंने मंगलवार को शतरूपा-मनु, भक्त ध्रुव, प्रहलाद, गयासुर और नृसिंह अवतार की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि भगवान आपकी कठिन परिस्थितियां हटाते नहीं है, लेकिन उसको सहने की शक्ति देते हैं और सहायता करते हैं। व्यक्ति अगर यह सोचना बंद कर दे कि उसके पास क्या नहीं है और यह सोचे कि उसके पास क्या है तो उसके ८० प्रतिशत दुख खत्म हो जाएंगे। हम हमेशा शिकायत करते हैं। भगवान ने जो अब तक दिया है, उसके बारे में कभी नहीं सोचते। हम कभी धन्यवाद नहीं देते। जो मिला, उसके लिए सदैव ईश्वर को धन्यवाद देना चाहिए। शिकायत नहीं, धन्यवाद देना शुरू कीजिए।
लोग हमेशा पॉवर में बड़े लोगों से पहचान बनाते हैं। अपना काम निकालने के लिए पहचान बनाते हैं। जब दिक्कत आती है तो ये लोग काम नहीं आते। जिससे पहचान बनाने में हम दिन का एक मिनट भी नहीं देते, वह काम आते हैं। यानी भगवान काम आते हैं। आप भगवान के पीछे जाओ, दुनिया अपने आप पीछे आ जाएगी। इस दुनिया में ऐसा कोई नहीं है कि जिसके ऊपर कोई न हो। उसकी कृपा से ही आपके गुण लोगों को दिख रहे हैं। आप भगवान की तरफ प्रेम का एक कदम उठाओ, वह चार कदम आगे बढ़ाएंगे। दुनिया का हर रिश्ता धोखा देता है, पर भगवान का रिश्ता नहीं। हम अकेले आए थे, हमें अकेले ही जाना है। अपने बच्चों को शिक्षित करिए। पैरों पर खड़ा कीजिए। बेटियों को भी पढ़ाओ। जो बेटी अपने पैरों पर खड़ी रहती है वह अन्याय नहीं सहती बल्कि अन्याय का मुकाबला करती है। जो भगवान के भक्त होते हैं, उनकी बुद्धि जल्दी भ्रष्ट नहीं होती। जब बुराई का पलड़ा भारी हो जाता है तो भगवान को धरती पर आना पड़ता है। दान कैसा भी हो, महत्व रखता है। दान सिर्फ पैसे से नहीं, तन, मन, धन से होता है। दुनिया तो ऐसी है कि दुनिया को खुश करने के लिए मर भी गए तो कोई फायदा नहीं, दुनिया खुश नहीं होने वाली। भगवान को खुश कीजिए। भगवान के लिए हर काम करिए। यह भूल जाओ कि लोग क्या कहेंगे। बस यह देखो कि वो क्या कहेगा यह सोचो। कई लोग ऐसे हैं कि मरते-मरते भी उनका मोह नहीं जाता। एक अवगुण अन्य अवगुणों को भी ले आता है। जो अंत समय में भगवान का नाम ले ले, वह नर्क नहीं जाता। लोग अपना होने का दिखावा बहुत करते हैं पर कोई अपना नहीं हो सकता। सिर्फ भगवान ही अपने होते हैं, जो हमारे सभी काम करते हैं। आरके डेवलपर्स के राकेश अग्रवाल ने बताया कि गुरुवार को राम जन्म, कृष्ण जन्म की कथा सुनाई जाएगी। नृसिंह अवतार के दौरान भगवान नृसिंह की पूजा अर्चना की गई।

चारधाम में अन्नकूट महोत्सव सम्पन्न

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उज्जैन। चारधाम मंदिर अखण्ड आश्रम में चारधाम मंदिर के पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी शान्तिस्वरूपानन्द गिरिजी महाराज के सानिध्य में भगवान श्री द्वारकाधीश के साथ ही रामेश्वरम, बद्रीनाथ, जगन्नाथजी व अखण्ड आश्रम 12 ज्योर्तिलिंग में भी अन्नकूट का भोग लगाया गया।
इस अवसर पर स्वामीजी ने पर्यावरण संवर्धन पर जोर देते हुए कहा कि यह हमारा भू-भाग तभी उपजाऊ होगा जब हम इसकी रक्षा करेंगे। पर्यावरण संतुलन के लिए वृक्षारोपण करना आवश्यक है । लकड़ी महत्ता अनादिकाल से है। जन्म के साथ ही लकड़ी का संबंध मनुष्य से जुड़ जाता है जब अंतिम समय आता तब भी लकड़ी की आवश्यकता पड़ती है। हम अपने जीवनकाल में कम से कम एक-दो वृक्ष लगाये और उन्हें पल्लवित करें ताकि हमारे मरणोपरांत जितनी लकड़ी हमारे लिये खर्च होती है कम से कम उतनी लकड़ी तो हम इस दुनिया को देकर जाए। स्वामीजी के आशीवर्चनों को श्रोताओं ने बड़ी गंभीरता के साथ आत्मसात किया।
अन्नकूट महोत्सव के दौरान कार्यक्रम के संचालक, ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष अशोक प्रजापत ने बताया कि दादा गुरु अखण्डानंदजी की पुण्य स्मृति 2 जनवरी 2024 से 5 जनवरी 2024 तक विशाल संत सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा जिसमें युगपुरूष महामण्डलेश्वर स्वामी परमानन्द गिरिजी महाराज, दीदी मां ऋतम्भरा जी ने आमंत्रण स्वीकार कर लिया है। इसी के साथ देश के बड़े-बड़े संतों को आमंत्रित करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
अन्नकूट महोत्सव में उज्जैन जिलाधीश कुमार पुरुषोत्तम, पुलिस अधीक्षक डॉ. पुरुषोत्तम व्यास, तरुण मित्तल, माखनसिंह, सुरेन्द्रसिंह कुशवाह, पूर्व आईजी रमणसिंह सिकरवार, डॉ. एस. एस. गुप्ता, डॉ. भटनागर, कमलेश पंचौली, चित्तौड़गढ़ से पधारे स्वामी चन्द्र भारती, के. पी. सेठिया सहित बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद थे। सभी ने अन्नकूट दर्शन के साथ प्रसादी ग्रहण की। जानकारी पं. रामलखन शर्मा ने दी।

कलयुग में श्रीमद्भागवत कथा से सबका कल्याण होता है

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उज्जैन। कलयुग में यदि कल्याण चाहते हैं तो श्रीमद्भागवत कथा के माध्यम से ही कल्याण हो सकता है। यह बात सूतजी ने ऋषि शौनक से कही थी। यदि भगवान को पाना है तो हमें युवावस्था से ही अपने आपको भगवान को समर्पित करना चाहिए। बुढ़ापे में तो भगवान को याद करने से कोई लाभ नहीं।
यह बात देवास रोड हामूखेड़ी स्थित आरके ड्रीम्स में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में कथावाचक जया किशोरी ने कही। उन्होंने नेमिषारण्य की कथा सुनाते हुए कहा कि सूतजी नेमिषारण्य में ८८ हजार ऋषिगणों को कथा सुना रहे हैं। शौनक ऋषि सबसे बड़े ऋषि हैं। ऋषि सूतजी से पूछते हैं कि कलयुग में जीव का कल्याण कैसे होगा। तब सूतजी कहते हैं कि कलयुग में श्रीमद्भागवत कथा सुनने से जीव का कल्याण होगा। सूतजी एक कथा सुनाते हैं। एक बार एक सेठजी के गांव में संत आते हैं। सेठजी संत के पास गए। संत सबसे शांति से मिलते हैं। सेठजी ने संत से कहा मेरा किसी से रिश्ता नहीं बनता। बार-बार झगड़ा होता है। संत कहते हैं कि आपकी सात दिन में मृत्यु हो जाएगी। सेठजी १५ दिन बाद आकर कहते हैं कि १५ दिन बीतने के बावजूद मुझे कुछ नहीं हुआ। संत ने कहा कि सात दिन में क्या किया। सेठ ने कहा कि मैं तो भगवान में ऐसा रमा कि भगवान के अलावा और कुछ दिख नहीं रहा। जिस-जिस से झगड़ा हुआ था सबसे माफी मांगी। सोचा मरते-मरते क्यों दुश्मनी लेकर जाऊं। आधी से ज्यादा संपत्ति दान कर दी। संत ने कहा कि इसी समस्या को लेकर तो तुम मेरे पास आए थे। अगर हमें पता हो कि अगले क्षण मृत्यु आने वाली है तो हम भगवान को ही याद करते हैं। कई लोग पूजा पाठ, दान, धर्म भविष्य पर छोड़ देते हैं। सोचते हैं यह तो बुढ़ापे का काम है। यानी जब व्यक्ति शरीर से कमजोर हो जाता है, चलना फिरना बंद हो जाता है तब भगवान को याद करता है। भगवान को युवावस्था में ही मनाना चाहिए। आज हर व्यक्ति अर्जुन है। कृष्ण के रूप में घरों में भगवद्गीता रखी है। जिसे पढ़ना जरूरी है। व्यक्ति को शांति और सुकून की आवश्यकता युवावस्था में ही होती है, लेकिन इसके लिए बुढ़ापे में पीछे भागता है। हम स्वयं को भगवान को बुढ़ापे में क्यों समर्पित करें। युवावस्था में ही यह काम करना चाहिए। भगवान से मिलने का अर्थ यह नहीं है कि सबकुछ छोड़ना है। पर रहना ऐसे चाहिए कि वैभव, विलासिता हम पर हावी न हो। जीवन में हमें भी अपने किरदार ऐसे निभाने चाहिए कि जब हम जीवन छोड़ें तो हर कोई हमारे किरदार को याद रखें। जीवन में सबकुछ एक न एक दिन छूटता है। जो इस सत्य को याद रखता है वह बिखरता नहीं है। पांडवों ने भी भगवान को नहीं छोड़ा। जो भगवान को नहीं छोड़ता, वह हमेशा सही रास्ते पर चलता है। भगवान हर बात की सीख देते हैं। रामायण में हर बात सिखाई है। माता-पिता कैसा होना चाहिए, पत्नी कैसी होनी चाहिए, भाई कैसा होना चाहिए, शत्रु कैसा होना चाहिए।
शौनक ऋषि से सूतजी कहते हैं कि कलयुग में जो सबका कल्याण कर सकता है वह है श्रीमद्भागवत कथा। सबसे पहले यह कथा सनकादि ऋषियों ने नारदजी से कही। जो भक्ति के साथ भगवान को बुलाता है वहां भगवान को अवश्य आना पड़ता है। देवी अनुसुइया ने अपने पतिव्रत धर्म के प्रभाव से ब्रह्मा, विष्णु, महेश को अपना पुत्र बना लिया था। हम सब कुछ भगवान से मांगते हैं, लेकिन भगवान को नहीं मांगते। भगवान मिल जाए तो हमें सब कुछ मिल जाता है। इसलिए भगवान को मांगों। इस कलयुग में लोग इंसान को भगवान बना रहे हैं। सोमवार को भगवान विष्णु के अलग-अलग अवतारों की चर्चा की। साथ ही भगवान शंकर और पार्वती के विवाह की भी कथा सुनाई। जहां इंसान भगवान बनता है वहां गलत होता है। कथा आयोजन आरके डेवलपर्स के राकेश अग्रवाल ने बताया कि उनकी मां की स्मृति में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा 25 नवंबर तक कथा चलेगी। मंगलवार को प्रह्लाद चरित्र नृसिंह अवतार की कथा होगी।

वर्ल्ड कप के बाद आलिया, करीना ने टीम इंडिया पर बरसाया प्यार, कहा ‘हमारा दिल जीत लिया’

मुंबई, । ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड कप फाइनल मैच हारने के बाद बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट और करीना कपूर खान ने भारतीय टीम की प्रशंसा करते हुए नोट शेयर किया और खिलाड़ियों के प्रति अपना प्यार और सम्मान दिखाया।

आलिया ने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर टीम इंडिया की एक तस्वीर शेयर की और लिखा, ”हमारा दिल आपने हमेशा के लिए जीत लिया है! अच्छा खेला टीम इंडिया ने… हमारा सिर गर्व से ऊंचा हैं।”

करीना ने भी इंस्टाग्राम स्टोरीज पर भारतीय टीम की एक तस्वीर साझा की और कहा: “टीम इंडिया के लिए प्यार और सम्मान, कड़ा मुकाबला, लेकिन अच्छी तरह से खेली भारतीय टीम।”

गुजरात के अहमदाबाद स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम में हुए वर्ल्ड कप 2023 के मैच में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया ने हरा दिया। भारत ने पहले बल्लेबाजी की और 240 रन पर आउट हो गया।

जो उसके हिसाब से होता है, वह अच्छा होता है : जया किशोरी

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उज्जैन। जब हम ऐसा मानते लगते हैं कि ऐसा होगा, वैसा होगा और हमारे हिसाब से नहीं होता है तो हम दुखी होते हैं। लेकिन वो जो करता है वह अच्छा करता है। जीवन है तो दुख और परेशानियां तो आएंगी ही। भगवान ने भी दुख और परेशानियां झेली। सुख-दुख तो जीवन में चलेगा ही। हमें सिर्फ भगवान की शरण में जाने की देर है। जैसे ही हम भगवान की शरण में जाते हैं, कृपा अपने आप होने लगती है।
यह बात प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी ने देवास रोड, हामूखेड़ी स्थित कथास्थल पर श्रीमद्भागवत कथा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भगवान तो हमारी जिंदगी जन्म के साथ ही तय कर दी है। अब यह हमारे ऊपर है कि हम उसे हंसकर जीये या रोकर। महाभारत का जिक्र करते हुए जय किशोरी ने कहा कि एक बार भगवान कृष्ण और कर्ण के बीच बातचीत में कर्ण कहते हैं कि मेरी जिंदगी में इतना गलत हुआ है तो दुर्योधन का साथ कैसे गलत हुआ। तब भगवान कहते हैं कि मेरे जन्म लेने के पहले ही मेरी मृत्यु खड़ी थी। माता-पिता से अलग हुआ। गोकुल में मेरा मन रमा ही था कि मथुरा ले आए। फिर गुरुकुल भेजा। फिर राज्य संभाला। महाभारत किया। जरासंघ को मारा। हर वक्त लोग मेरे पीछे लगे रहे। मेरे साथ इतना गलत हुआ तो क्या मुझे गलत करने की आजादी मिल गई। हमारे साथ यदि गलत हुआ है तो हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि अब हम दूसरों के साथ गलत न होने दें। सिर्फ हालात बुरे होने से गलत रास्ते पर चलने वाले का साथ भगवान नहीं देता। भगवान आनंद है। जो भगवान के साथ है वह असली आनंद के साथ है। शुकदेवजी के अवतार की कथा सुनाते हुए जया किशोरी ने कहा कि एक बार ब्रह्माजी ने एक सभा का आयोजन किया। उसमें सभी देवी-देवता, यक्ष, गंवर्ध, किन्नर आए। तब प्रश्न उठा कि तीन लोक, १४ भुवन में सबसे कीमती वस्तु क्या है। सभी अपने-अपने स्तर पर उत्तर दे रहे थे। कोई हीरा को कीमती बता रहा था, तो कोई स्वर्ण तो कोई चांदी को। वहां ऋषिमुनि भी बैठे थे। उन्होंने पूछा कि यह तो कई लोगों के पास है। फिर यह कीमती कैसे। कीमती तो वह जो हर किसी के पास नहीं होती। यानी जो दुर्लभ है। तब यह बात सामने आई कि सबसे कीमती कुछ है तो वह है प्रेम। निस्वार्थ प्रेम। भगवान जो हमसे करते हैं वह निस्वार्थ प्रेम है। हम तो भगवान से भी स्वार्थ का प्रेम करते हैं। हम तो इतने स्वार्थी हैं कि भगवान हमारा एक काम न करे तो हम भगवान बदल देते हैं। हमारे पास ऐसा कुछ नहीं है जो भगवान को दे सकते हैं। फिर भी वो हमारी सहायता करते हैं। हमसे प्रेम करते हैं। गजेन्द्र ने मध्यरात्रि में भगवान विष्णु को पुकारा तो वे मध्यरात्रि में लक्ष्मी को छोड़ भाग गए।
प्रेम की पराकाष्ठा महादेव और पार्वती माता के पास हैं। महादेव ज्यादा समय कैलाश पर्वत पर रहते हैं, जहां सुख-सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है। महादेवजी के महल की कथा के बारे में उन्होंने कहा कि एक बार पार्वतीजी ने कहा कि मुझे भी महल चाहिए। मुझे पर्वत पर नहीं रहना। भोले बाबा समझाते हैं कि महल की क्या जरूरत है। तब पार्वती जिद पर अड़ जाती हैं कि उन्हें तो महल चाहिए ही, वह भी उनके हिसाब से। महल ऐसा होना चाहिए कि देखने वाला देखता रह जाए। सोने का महल बनाया। पार्वती ने लक्ष्मी को गृह प्रवेश में बुलाया।  रावण के पिताजी विश्रर्वा गृहप्रवेश करवाने के लिए आए। गृह प्रवेश की पूजा हुई। दक्षिणा के लिए भोलेबाबा ने विश्रर्वा से पूछा क्या चाहिए। तब विश्रर्वा ने कहा कि सुंदर महल बना है, इसे दान में दे दो। महादेवजी ने तथास्तु कह दिया। वह सोने का महल ही सोने की लंका बनी, जिसे रावण के पिता ने भगवान भोलेनाथ से दान में लिया था। जिसकी जो तकदीर है, उसे बस उतना ही मिलता है। नारदजी ने सोचा भोले और पार्वती के बीच झगड़ा करवा दूं। नारदजी प्रतिदिन कैलाश पर्वत पर जाते हैं और दर्शन कर वापस आ जाते हैं। एक दिन नारद को पार्वतीजी मिली और भोले नहीं मिले। तब पार्वतीजी ने पूछा क्या बात है। तब नारदजी ने कहा कि व्यक्तिगत बात है। आपको नहीं बता सकता। पार्वतीजी बोली- बाबा और मेरे बीच कोई भी बात छुपी नहीं रहती। नारद बोले- पुरुष कोई न कोई बात स्त्री से छुपाता ही है। पार्वती ने कहा ऐसी कोई बात नहीं है। तब नारद ने पूछा कि क्या आपने अमर कथा सुनी है। पार्वती ने कहा नहीं सुनी। नारद ने कहा कि जिससे बाबा सबसे ज्यादा प्रेम करते हैं उसे अमर कथा सुनाते हैं। फिर नारदजी चले गए। जब बाबा वापस आते हैं तो उनका कोई स्वागत नहीं, कोई बातचीत नहीं। कुछ नहीं। तब बाबा ने पूछा सब ठीक है न। तब माता ने पूछा- मुझसे प्रेम करते हैं या नहीं? बाब ने कहा ये कोई पूछने की बात है। तब माता कहती है तो अब तक मुझे अमर कथा क्यों नहीं सुनाई। बाबा कहते हैं अब सुना देते हैं। लेकिन यह सबके सामने नहीं सुनाई जाती, क्योंकि जो इसे सुनता है वह अमर हो जाता है। तब भगवान कथा सुनाना शुरू करते हैं, पर पार्वती को कहते हैं कि वह थोड़ी-थोड़ी देर में हं स्वामी करते रहना। वहीं पेड़ में एक सुवे (तोते) का अंडा उसी समय फूटता है उसमें से शुक बालक निकलता है। भोले बाबा ने कथा कहते-कहते नेत्र बंद कर लिए। माता थोड़ी देर बाद सो गई। लेकिन तोता हं स्वामी करता रहता है। तब तोते पर क्रोध करके बाबा शुक पर त्रिशूल लेकर दौड़े। तब शुक वेदव्यास की पत्नी के मुख से गर्भ में चले जाते हैं। बाबा वेदव्यास के आश्रम में आते हैं, तब वेदव्यास कहते हैं पहली बार दर्शन दिए, वह भी इस रूप में। तब भोलेबाबा कहते हैं कि कोई चोर यहां आया है। तब वेदव्यास कहते हैं आपके पास से क्या कोई चोरी कर सकता है। तब बाबा ने अमरकथा चोरी से सुनने की बात कही और उसे मारने की बात कही। तब वेदव्यास ने कहा कि उसे आप मार नहीं सकते। वह अमर हो गया है। तब बाबा कहते हैं कि मैं उसे बंदी बनाकर रखूंगा। तब वेदव्यास ने कहा कि उसके अहोभाग्य जो आपके साथ बंदी बनकर जा रहा है। तब बाबा कहते हैं कि बच्चे के जन्म तक मैं एक वर्ष यहीं समाधि लेता हूं। तब बच्चे ने गर्भ में १६ वर्ष की समाधि ली। बाबा समाधि से उठने के बाद वेदव्यास से पूछते हैं कि बच्चा कहां है। तब वेदव्यास कहते हैं कि उसका तो आकार भी नहीं बढ़ रहा। तब शायद आपके डर से बाहर नहीं आ रहा। तब भोलेबाबा उसे क्षमा करते हैं। फिर बाबा मोहमाया को एक क्षण के सौवें हिस्से के लिए रोकते हैं तब शुकदेव गर्भ से बाहर आते हैं।
कथा आयोजन आरके डेवलपर्स के राकेश अग्रवाल द्वारा मां की स्मृति में कथा आयोजित की जा रही है। यहां बने पांडाल में 40 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। कथा 25 नवंबर तक चलेगी। शहर में पहली बार जया किशोरी की भागवत कथा हो रही है। सोमवार को शंकर-पार्वती के विवाह का प्रसंग सुनाया जाएगा। कथा प्रारंभ होने के पूर्व हामूखेड़ी से कलश यात्रा निकाली गई। कथा के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव भी उपस्थित थे।

काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर उज्जैन में भी व्यवस्थाएं होगी सुगम-महापौर श्री मुकेश टटवाल

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काशी विश्वनाथ मंदिर में जिस प्रकार अद्भुत एवं अलौकिक विकास कार्य देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा करवाएं गए हैं साथ ही वहां पर जो व्यवस्थाएं श्रद्धालुओं की सुविधाओ को ध्यान में रख कर की गई हैं ठीक इसी प्रकार बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन शहर में भी व्यवस्थाएं एवं मॉडल अपनाया जाएगा,उज्जैन के महापौर श्री मुकेश टटवाल द्वारा बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन करने के पश्चात काशी के महापौर श्री अशोक तिवारी से चर्चा करते हुए विकास एवं निर्माण कार्यों को जाना*

      महापौर श्री मुकेश टटवाल द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि रविवार को बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ साथ ही काशी के महापौर श्री अशोक तिवारी के साथ काशी नगर निगम की व्यवस्थाओं,शहर की सफाई व्यवस्था,मंदिर की व्यवस्था,घाटों की साफ सफाई एवं जो निर्माण कार्य किए गए हैं उन विषयों पर विस्तृत में चर्चा की गई चर्चा के दौरान काशी विश्वनाथ में प्रधानमंत्री द्वारा जो विकास कार्य किए गए हैं जिसमें घाटों की साफ सफाई,भीड़ प्रबंधन,दुकानों एवं मकानों का एक ही रंग में रंग रोगन,दुकानों के एक जैसे साइनेज बोर्ड,वहां की यातायात व्यवस्था,ई-रिक्शा का अपने निर्धारित रोड पर संचालन किया जाना जैसे विषयों पर विस्तृत रूप से चर्चा की एवं जो मॉडल अपनाया जा रहा है उसे समझा साथ ही उस मॉडल को उज्जैन शहर में भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बनाया जाएगा साथ ही उज्जैन शहर में श्री महाकाल मंदिर अंतर्गत महाकाल लोक का जो निर्माण कार्य श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए किया गया है उक्त कार्य की प्रशंसा भी काशी के महापौर द्वारा की गई

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव ने सिंधिया-गांधी परिवार के बीच बढाई खटास

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भोपाल । चुनाव में विरोधी दलों के एक दूसरे पर हमले आम बात है। व्यक्तिगत हमले काम ही होते हैं, मगर मध्य प्रदेश में ऐसे व्यक्तिगत हमले हुए कि उसने गांधी और सिंधिया परिवार के बीच खटास बढ़ाने का काम कर दिया है।

राज्य में वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में राहुल, प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच गजब की कैमिस्ट्री देखने को मिली थी। इन चुनाव में कांग्रेस ने बढ़त पाई और सरकार भी बनाई। बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया और वह भाजपा का हिस्सा बन गए परिणाम स्वरुप कांग्रेस की सरकार गिर गई वर्तमान में ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय मंत्री हैं।

भले ही सिंधिया कांग्रेस के अलग हो गए, मगर उनके और गांधी परिवार के बीच खटास नजर नहीं आई थी। संसद से तो एक ऐसी तस्वीर सामने आई थी, जिसमें सिंधिया सोनिया गांधी के साथ बैठे हुए थे। आमतौर पर यही चर्चा थी कि भले ही सिंधिया कांग्रेस छोड़कर चले गए होंं, मगर दोनों परिवारों के बीच दूरियां नहीं बढ़ी हैं।

प्रियंका गांधी का पिछले दिनों ग्वालियर आना हुआ, मगर उन्होंने सीधे तौर पर सिंधिया पर हमला नहीं किया। तब भी यही माना गया कि सियासी तौर पर भले ही दोनों अलग हो गए हैं, मगर रिश्तो में औपचारिकता अभी बची हुई है।

प्रियंका गांधी का बीते रोज दतिया आना हुआ और यहां उन्होंने जनसभा में सिर्फ ज्योतिरादित्य सिंधिया पर ही नहीं, बल्कि उनके खानदान तक पर हमला बोल दिया। विश्वासघात को उनके परिवार की परंपरा बताने में भी प्रियंका ने हिचक नहीं दिखाई। इतना ही नहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया को अहंकारी तक कह दिया।

धागा बनाने वाली फैक्ट्री में भीषण आग

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गाजियाबाद, । गाजियाबाद के मोदीनगर में गुरुवार सुबह धागा बनाने वाली एक फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। मौके पर पहुंचीं फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियों ने तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। लेकिन लाखों का माल जलकर राख हो गया है।

गाजियाबाद के चीफ फायर ऑफिसर राहुल पॉल ने बताया की ग़ाज़ियाबाद के फ़ायर स्टेशन मोदीनगर में 7:26 बजे नितिन टेक्सटाइल्स जगदीश कॉम्प्लेक्स शहजादपुर रोड मुरादनगर फैक्ट्री में आग की सूचना मिली थी।

सूचना मिलते ही फायर स्टेशन मोदीनगर से अग्निशमन द्वितीय अधिकारी सहित 2 फायर टैंकर तथा 1 फायर टैंकर फायर स्टेशन कोतवाली से घटनास्थल के लिए रवाना हुए। घटनास्थल पर जाकर देखा तो फैक्ट्री से आग की लपटे व काला धुआं बहुत तेज था।

ईडी ने न्यूज़क्लिक मामले में नेविल रॉय सिंघम को नया समन किया जारी

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नई दिल्ली, । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मीडिया पोर्टल न्यूजक्लिक को कथित तौर पर धन मुहैया कराने के मामले में शंघाई स्थित करोड़पति नेविल रॉय सिंघम को नया समन जारी किया है।

एक सूत्र ने बताया कि वर्तमान में शंघाई में रह रहे अमेरिकी नागरिक सिंघम को विदेश मंत्रालय के माध्यम से चीनी अधिकारियों के साथ पिछले महीने केंद्रीय एजेंसी के साथ अपना बयान दर्ज करने के लिए नया समन जारी किया गया था।

पिछले साल की शुरुआत में, चीनी अधिकारियों ने कथित तौर पर सिंघम को समन देने से इनकार कर दिया था।

ईडी इस बात की जांच कर रही है कि सिंघम की मीडिया कंपनी भारत में कैसे चीनी प्रोपेगेंडा को बढ़ावा दे रही थी।

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और कंपनी के एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को भारत विरोधी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किया था।

अपनी पूछताछ के तहत, ईडी ने समाचार पोर्टल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में न्यूज़क्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायश्ता से जुड़े नई दिल्ली के साकेत स्थित एक फ्लैट को कुर्क किया था।

धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कुर्क की गई 4.52 करोड़ रुपये की संपत्ति कथित तौर पर अपराध की आय का हिस्सा थी।

ईडी पोर्टल चलाने वाली कंपनी में 86 करोड़ रुपये से अधिक के “धोखाधड़ी” विदेशी फंड की जांच कर रहा है।

जांच एजेंसी ने सितंबर 2021 में पुरकायस्थ के ठिकानों पर छापेमारी की थी.

पुरकायस्थ और चक्रवर्ती फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

लड़ाई अब उनके नोटों से हमारे वोटों की है- चेतन यादव

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उज्जैन। जय उज्जैन, मैं चेतन प्रेमनारायण यादव आप सभी उज्जैन वासीयो को दिल से दीपावली पर्व की शुभकामनाएं देता हूं। लड़ाई अब आप लोगों का हक मार कर अर्जित किए गए उनके नोटों से आपके वोटों की है। यह बात उज्जैन दक्षिण से कांग्रेस प्रत्याशी चेतन प्रेम नारायण यादव ने जन संवाद करते हुए कही।
प्रवक्ता लालचंद भारती के अनुसार कांग्रेस प्रत्याशी चेतन यादव ने दीपावली के दिन ग्रामीण क्षेत्र में पंथ पिपलाई से जनसंपर्क की शुरुआत की नवाखेड़ा निनोरा सेवरखेड़ी में जनसंपर्क किया और लोगों से जन आशीर्वाद लिया। सोमवार को शहर के विभिन्न वार्डों में जनसंपर्क के दौरान आमजन से आशीर्वाद लिया और दीपावली पर्व की शुभकामनाएं दी। इस दौरान दोपहर में ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित राम रक्षा स्रोत यज्ञ में उपस्थित हुए। जनसंपर्क के दौरान पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष करण कुमारिया सुरेश चौधरी रामेश्वर आंजना जमालपुर अंतरसिंह पटेल पदमसिंह पटेल सोनू शर्मा रवि जाट उदय सिंह वासुदेव रावल उमेश वर्मा रोहित चतुर्वेदी सतीश पांडे मुकेश शर्मा लाल जोशी राहुल तोमर विजय यादव भरत आंजना समीर चौधरी आदि सैकड़ो की संख्या में शामिल थे।