Wednesday, May 8, 2024

सावन में 17 जुलाई को बन रहा सोमवती अमावस्या एवं सर्वार्थ सिद्धि योग का दुर्लभ संयोग

उज्जैन, । सोमवती अमावस्या एक बहुत दुर्लभ योग है। यह पूरे वर्ष में दो या तीन ही होती है। इससे अधिक दुर्लभ यह है कि ऐसी अमावस्या सावन के पावन महीने में कभी-कभी पड़ती है। साल 2023 में कुल तीन सोमवती अमावस्या के योग बने हैं। साल की पहली सोमवती अमावस्या 20 फरवरी को फाल्गुन मास में पड़ी थी, जबकि इस साल की दूसरी सोमवती अमावस्या सावन मास में आगामी 17 जुलाई को है, जो बहुत ही विशेष और फलदायिनी है। इन दिन सर्वार्थ सिद्धि का भी दुर्लभ संयोग बन रहा है

उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी ने रविवार को बताया कि भारतीय पंचांग के अनुसार जिस अमावस्या की तिथि सोमवार को पड़ती है, वह सोमवती अमावस्या कहीं जाती है। इस साल की तीसरी सोमवती अमावस्या नवंबर महीने में 13 तारीख को है। पंचांग के अनुसार यह कार्तिक मास में पड़ रहा है। साल 2023 की सभी तीनों सोमवती अमावस्याएं कृष्ण पक्ष में ही पड़ी हैं यानी ये सभी कृष्ण सोमवती अमावस्याएं हैं।डॉ. तिवारी ने बताया कि पौराणिक कथाओं के अनुसार श्रावण का महीना बहुत अधिक शुभ होता है। यह भगवान शिव की आराधना का पावन मास है। इस महीने में भी सोमवार बहुत विशेष होता है। मान्यतानुसार, यह दिन महादेव शिव और देवी पार्वती की पूजा के लिए बहुत विशेष महत्व रखता है। एक तो सावन का महीना, सोमवार और इस दिन अमावस्या का होना, ये तीनों संयोग बनने से इस महीने की सोमवती अमावस्या विशेष महत्वपूर्ण हो जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा-पाठ और उचित उपाय करने से कष्टों का निवारण होता है और बिगड़े काम भी बन जाते हैं।

श्रावण सोमवती अमावस्या पर करें यह उपाय

डॉ. तिवारी के अनुसार सोमवती अमावस्या पर शिवलिंग पर दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चन्दन इत्यादि अर्पित करने से पूजा विशेष फलदायी है।

पवित्र नदी और जलाशयों में स्नान

सावन सोमवती अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करने से केवल इस जन्म के ही नहीं बल्कि पिछले जन्मों के पापों का नाश होता है।

शिवजी का व्रत और पूजा

इस दिन शिवजी का व्रत रखने और विधि-विधान से उनकी पूजा करने से मनोवांछित फल और अभीष्ट की प्राप्ति होती है।

शिवलिंग का अभिषेक शिवालयों और मंदिरों में स्थापित शिवलिंग का शुद्ध और पवित्र जल से अभिषेक करें। गाय का दूध शिवलिंग पर अर्पित करें। शहद का लेप करें।

शिवजी और माता पार्वती को भोग लगाएं

सावन माह की सोमवती अमावस्या को महादेव शिव और मां पार्वती की पूजा-आराधना और आरती के बाद फल और मिष्टान्न का भोग लगाने से लाभ होता है।

मंत्र का जाप

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनके षडाक्षरी मंत्र ऊँ नमः शिवाय का जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

लक्ष्मी पूजन

अमावस्या तिथि के दिन धन-धान्य और समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसमें भी कार्तिक अमावस्या लक्ष्मी पूजा और अक्षय तृतीय की सबसे खास तिथियां है। इसके बाद सावन माह की सोमवती अमावस्या को लक्ष्मी पूजा विशेष फलदायिनी माना गया है।

पितरों की पूजा

सोमवती अमावस्या के दिन पितरों और पूर्वजों का तर्पण और उनकी पूजा करने से पितृदेव प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

सोमवती अमावस्या पर करें ये काम

पीपल की परिक्रमा को अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत की भी कहते हैं। सोमवती अमावस्या के मौके पर हिन्दू धर्म में पीपल के पेड़ की पूजा का प्रावधान है। पुराणों में उल्लेख है कि पीपल के पेड़ में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। सनातन परंपरा के अनुसार, जो व्यक्ति सोमवती अमावस्या के दिन से पीपल की परिक्रमा शुरु कर के हर अमावस्या के दिन यह अनुष्ठान एक साल, तीन साल या पांच साल तक करते हैं, उनके जीवन में सुख, शांति और सौभाग्य की वृद्धि होती है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles