गोरखपुर/नई दिल्ली, । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को गोरखपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गीता प्रेस को करोड़ों लोगों के लिए एक मंदिर की संज्ञा देते हुए कहा कि यह संस्था एक जीवित आस्था है जिससे महात्मा गांधी भी भावनात्मक रूप से जुड़े हुए थे।
प्रधानमंत्री शुक्रवार को यहां गांधी शांति पुरस्कार 2021 से सम्मानित प्रकाशक गीता प्रेस के शताब्दी समारोह के समापन समारोह में शामिल हुए। समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने गीता प्रेस की दो पुस्तकों का भी विमोचन किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, 1923 में गीता प्रेस के रूप में जो आध्यात्मिक प्रकाश यहां प्रकाशित हुआ, आज उसकी रोशनी पूरी मानवता का मार्गदर्शन कर रही है। 100 साल पहले औपनिवेशिक ताकतों ने भारत का शोषण किया। हमारे गुरुकुल नष्ट कर दिए गए। जब हमारा प्रिंटिंग प्रेस सक्षम नहीं था अपनी उच्च लागत के कारण प्रत्येक नागरिक तक पहुंचने के लिए गीता प्रेस मार्गदर्शक शक्ति बन गई। हम सभी इस संगठन के शताब्दी समारोह के साक्षी बनने के लिए भाग्यशाली हैं।