उज्जैन । लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा उज्जयिनी में आयोजित दो दिवसीय शालेय कालिदास समारोह 5 नवंबर को समारोह पूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उज्जैन आलोट संसदीय क्षेत्र के सांसद श्री अनिल फिरोजिया थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता उज्जैन नगर पालिक निगम के महापौर श्री मुकेश टटवाल ने की। कार्यक्रम के सारस्वत अतिथि श्री अखिलेश द्विवेदी, सहायक प्राध्यापक, महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन थे। विशेष अतिथि के रूप में जिला पंचायत उज्जैन की उपाध्यक्ष श्रीमती शिवानी कुंवर- भूपेंद्र सिंह सोलंकी थी। सहायक जिला परियोजना समन्वयक श्री गिरीश तिवारी एवं सहायक संचालक क्रीड़ा उज्जैन संभाग श्री अरविंद जोशी भी मंचासीन थे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर अतिथियों द्वारा किया गया। श्री महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के बटुकों द्वारा स्वस्ति वाचन किया गया। नृत्य के माध्यम से सरस्वती वंदना शासकीय उत्कृष्ट उ.मा. वि. माधवनगर की छात्राओं कु. तनिष्का पंथी व सिमरन जाटव ने श्रीमती शेफाली चतुर्वेदी व विवेक धवन के मार्गदर्शन में प्रस्तुत की। नाटिका के वरिष्ठ वर्ग में प्रथम स्थान पर आई उज्जैन संभाग के विद्यार्थियों द्वारा नृत्य नाटिका का मंचन किया गया तथा कनिष्ठ वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त जबलपुर संभाग की बालिकाओं द्वारा भी इस अवसर पर नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई। मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर चल रहे साप्ताहिक कार्यक्रम अंतर्गत नृत्य के माध्यम से मध्यप्रदेश की आरती प्रस्तुत की गई। आरती का संयोजन एवं निर्देशन श्रीमती प्रतिभा रघुवंशी द्वारा किया गया। अतिथि स्वागत जिला शिक्षा अधिकारी श्री आनंद शर्मा व सहायक सांख्यिकी अधिकारी श्रीमती संगीता श्रीवास्तव एवं श्री अरविंद जोशी द्वारा किया गया। अतिथि परिचय एवं स्वागत उद्बोधन जिला शिक्षा अधिकारी श्री आनंद शर्मा ने दिया।
मुख्य अतिथि श्री अनिल फिरोजिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि महाकवि कालिदास पर मां सरस्वती का आशीर्वाद था इसके फलस्वरूप ही उन्होंने कई प्रसिद्ध कृतियों एवं काव्य ग्रंथों की रचना की। उज्जयिनी में देशभर के साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रस्तुति देने वाले कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देने के लिए कालिदास समारोह में आने के लिए लालायित रहते हैं। उज्जैन एवं जबलपुर संभाग के विद्यार्थियों द्वारा आज की गई प्रस्तुतियां वास्तव में मनमोहक थी। श्री फिरोजिया ने कहा कि लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल को मैं संस्कृत व सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से श्रेष्ठ कार्यक्रम प्रस्तुत करने हेतु धन्यवाद देता हूं।
अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री मुकेश टटवाल ने कहा कि उज्जैन नगरी आयोजन की नगरी है यहां वर्ष भर विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक एवं साहित्य कार्यक्रम होते रहते हैं जिसमें विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा निखारने का अवसर मिलता है। इस प्रकार के कार्यक्रमों से उज्जैन नगरी की पहचान एक प्रमुख सांस्कृतिक नगरी के रूप में होती है। हमें इस सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखना होगा। सारस्वत अतिथि श्री अखिलेश द्विवेदी ने भी इस अवसर पर प्रतिभागी विद्यार्थियों को आशीर्वचन प्रदान किए। प्रचार प्रसार समिति के संयोजक अमितोज भार्गव एवं संजय लालवानी ने बताया कि समापन समारोह के इस कार्यक्रम में स्मारिका “विशाला” का विमोचन अतिथियों के कर कमलों से किया गया। इसके पश्चात श्लोक पाठ, चित्रांकन एवं नृत्य नाटिका के कनिष्ठ व वरिष्ठ वर्ग में विजेता रहे विद्यार्थियों को स्मृति चिन्ह, पुरस्कार राशि व प्रमाण पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संदीप नाडकर्णी एवं पद्मजा रघुवंशी ने किया तथा आभार श्री गिरीश तिवारी ने माना।