Friday, May 17, 2024

गेहूं का भंडार बफर मानक से 11 प्रतिशत ऊपर, धान को दोगुना से अधिक

नयी दिल्ली, अक्टूबर की शुरुआत में गेहूं का सरकारी भंडारण बफर मानक से 11 प्रतिशत अधिक होकर 227.46 लाख टन पर पहुंच गया। खाद्य मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

हालांकि, सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों में रखे गए गेहूं की मात्रा पांच साल के निचले स्तर पर आ गई है। गेहूं की उपज में गिरावट आने से सरकारी खरीद 57 प्रतिशत तक कम रहने और निजी कारोबारियों की खरीद अधिक रहने से एफसीआई के गेहूं भंडार में गिरावट आई है।

वहीं धान का भंडार एक अक्टूबर तक 283.9 लाख टन हो गया जो बफर भंडारण के निर्धारित मानक के दोगुने से भी अधिक है।

निर्धारित मानकों के मुताबिक, सरकार को अपने बफर भंडार में 205.2 लाख टन गेहूं और 102.5 लाख टन धान का स्टॉक एक अक्टूबर तक रखना होता है।

खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गेहूं का भंडार अब सुविधाजनक स्तर पर पहुंच गया है।

हालांकि, फसल विपणन सत्र 2022-23 में गेहूं की सरकारी खरीद भारी गिरावट के साथ 187.92 लाख टन ही रही है। यह एक साल पहले के 433.44 लाख टन की तुलना में 57 प्रतिशत से अधिक कम है। सरकारी खरीद में आई इस तीव्र गिरावट के लिए निजी कारोबारियों द्वारा बड़े पैमाने पर की गई खरीद जिम्मेदार रही है। इसके अलावा गेहूं का उत्पादन भी इस साल तीन प्रतिशत कम रहा है।

गेहूं की सरकारी खरीद में गिरावट आने से सरकार ने इस खाद्यान्न के निर्यात पर रोक लगा दी। घरेलू स्तर पर गेहूं की उपलब्धता बनाए रखने और बढ़ती कीमत पर काबू पाने के लिए सरकार ने निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया था।

गेहूं की नई फसल के लिए बुवाई की शुरुआत होने वाली है। अगले कुछ दिनों में रबी सत्र की फसलों की बुवाई जोर पकड़ने वाली है जिसमें गेहूं एक प्रमुख फसल होगी।

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