Saturday, April 27, 2024
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खुद बीजेपी ही बीजेपी का विकल्प, मोदी-शाह की बीजेपी से बाहर आएगी भारतीय जनता पार्टी- अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)

आगामी आम चुनावों में अब कुछ ही दिनों का समय शेष है। निर्विवादित रूप से लोकप्रिय प्रधानमंत्री मोदी के एक बार फिर सत्ता में आने के कयास लगाए जा रहे हैं। जहां बीजेपी अबकी बार 400 पार का नारा बुलंद कर रही है वहीं विरोधी खेमा लगातार पतझड़ का सामना करने पर मजबूर है। ऐसे में बहुत आसार है कि ब्रांड मोदी एक बार फिर बीजेपी को सत्ता में लाने और अपनी पीएम पद की कुर्सी बचाने में सफल होंगे। लेकिन इस बार वह लगभग डेढ़ साल ही प्रधानमंत्री के रूप में देश को अपनी सेवाएं दे पाएंगे। इसकी सबसे बड़ी वजह पीएम मोदी की वर्तमान उम्र है। खुद बीजेपी आलाकमान जिसमें नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं, द्वारा बनाई गई 75 वर्ष की अलिखित सेवानिवृत्ति की आयु सीमा किसी से छिपी नहीं है और अपनी बात को पत्थर पर लकीर मानने वाले मोदी, इस बात और विषय की गंभीरता को भी अच्छी तरह समझते हैं। अब सवाल ये है कि सितम्बर 2025 में अपने ही बनाये नियम के अनुसार, जब पीएम मोदी अपने पद से इस्तीफा दे रहे होंगे, तब प्रधानमंत्री का उत्तराधिकारी कौन होगा? और क्या यही वो समय होगा जब बीजेपी के अंदर दो धड़े आमने सामने होंगे और प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए जंग करते नजर आएंगे?

चूँकि कांग्रेस पार्टी या इंडिया एलायंस में फिलहाल वह आत्मविश्वास नहीं झलकता है जो मोदी के जादुई तिलिस्म को भेद सके। नीति और नेता के अभाव वाली कांग्रेस अपना अस्तित्व खोती जा रही है तथा दिशा और नेतृत्व विहीन होकर चलने पर मजबूर है, जिसके आधार पर ये कहना भी आसान हो जाता है कि बीजेपी का विकल्प भी बीजेपी के पास ही नजर आता है। हालांकि पीएम मोदी का उनके पद से स्वेक्षापूर्वक हटना, बीजेपी को दो खेमों में बांटने का काम भी करने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि 2014 के बाद से मोदी-शाह की एक अलग बीजेपी प्रकाश में आई है। जिसमें ज्यादातर कांग्रेसी व अन्य दलों के नेता न केवल शामिल हैं बल्कि ऊंचे पदों पर बैठे हुए हैं। फिर वो ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय नेतृत्व में शामिल करने की बात हो या चह्वाण जैसे नेताओं को राज्यसभा और नीतीश कुमार जैसे व्यक्तिगत राजनीति में अधिक विश्वास रखने वाले नेताओं को मुख्यमंत्री की कुर्सी थमाने की बात हो। इस नई बीजेपी में कुछ अपवादों को छोड़ दें तो नए और बागी नेताओं को ही तोहफे के रूप में आगे बढ़ाने की परंपरा चली आ रही है। लेकिन जैसे मरी मछली धारा के साथ बहती है और जिन्दा मछली धारा के विपरीत, उसी समान मूल बीजेपी जिसमें लाल कृष्ण आडवाणी, मुरलीमनोहर जोशी से जुड़ी कड़ी से लेकर नीतिन गडकरी, उमा भारती या वसुंधरा राजे, शिवराज सिंह चौहान, सुरेश प्रभु, मेनका गाँधी जैसे नेता शामिल हैं, उनके अपने हक़ की मांग लेकर आगे आने की संभावना है। इसमें नीति निर्माता कहे जाने वाले आरएसएस से जुड़े कुछ बड़े नाम भी शामिल हो सकते हैं, जो उन भाजपाइयों को किनारे करने की डिमांड कर सकते हैं जिन्होंने सालों कांग्रेसी या गैर बीजेपी विचारधारा से चलने के बाद, अपने निजी लाभों के लिए बीजेपी का दामन थामा हुआ है।

एक बात जो दबे स्वर में ही सही लेकिन बीजेपी के भीतर सुनने को मिलती है कि मोदी-शाह के आगे किसी की नहीं चलती, लेकिन जब मोदी अपने शब्दों को सिद्ध करने वाली अपनी भव्य छवि के नीचे और न चाहते हुए भी अपने पद से इस्तीफा दे रहे होंगे तो संभवतः अपने उत्तराधिकारी के रूप में किसी बाहरी और बागी नेता को ही चुन सकते हैं। बहुत आश्चर्य नहीं होगा यदि वो नाम मोदी के करीब और ख़ास लोगों में गिने जा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया का हो। उम्मीद है नाम कोई ऐसा ही होगा जो मूल बीजेपी और आरएसएस के विश्वास मत से दूर होगा। यदि ऐसा होता है तो इसमें कोई दो राय नहीं कि बीजेपी दो अलग-अलग खेमों में बंटी नजर आएगी। एक वो जिसे मोदी-शाह की जोड़ी ने राजनीतिक लाभों के आधार पर तैयार किया है, दूसरी वे जिन्होंने बीजेपी को आधार दिया है। 2025 में भले मोदी पसंद का नेता उनके उत्तराधिकारी के रूप में कमान संभाले लेकिन यह स्थिति उस दीमक की तरह होगी जो पार्टी को अंदर ही अंदर खोखला कर रही होगी। इसके आधार पर हम यह भी अनुमान लगा सकते हैं कि 2027 तक बीजेपी के अंदर ऐसी स्थिति बन चुकी होगी कि 2029 के लोकसभा चुनावों में एक पार्टी के बैनर तले दो धड़े मैदान में होंगे।

ये लड़ाई बेशक दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल के लिए ऐतिहासिक होगी और इसके बाद पीएम पद के लिए जो नाम सामने आएगा वो भी बीजेपी के एक नए अध्याय की शुरुआत की तरह होगा। हालांकि अंत में इस बात को ध्यान रखना भी जरुरी है कि उपरोक्त सभी अनुमान, आसार व गणना तभी सार्थक सिद्ध होंगे जब पीएम मोदी अपनी पार्टी के बनाये नियम, जो कई दिग्गजों पर लागू हो चुके हैं, पर टिके रहते हुए, अपने पद से इस्तीफा देंगे। हालांकि यहाँ ये भी गौर फ़रमाया जायेगा कि पंडित नेहरू के सबसे अधिक दिनों तक प्रधानमंत्री रहने के रिकॉर्ड को तोड़ने की मनसा के साथ बीजेपी खेमे द्वारा ऐसा कोई ऐसा कैम्पेन नहीं चलाया जा रहा होगा कि देश को सिर्फ मोदी की ही जरुरत है, मोदी नहीं तो देश नहीं।

देहदान के जरिए समाज को जागरूक करने की पहल

इंदौर। समाज के लिए मानव की मानवता इतनी अच्छी है कि वह आने वाली पीढ़ी के लिए एक मिसाल बन गई है। जिंदगी के बाद भी देहदान की प्रति लोगों को जागरूक करने पहल को आगे बढ़ाने की पहल अमीन परिवार ने इंडेक्स मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के साथ की है। 80 वर्षीय कल्पना अमीन 233 लोकमान्य नगर इंदौर निवासी के निधन के पश्चात उनके पुत्रों ने महर्षि देहदान समिति से संपर्क किया। पुत्र संजय और असज अमीन ने अपनी के माता का देहदान की प्रक्रिया के लिए समिति के अध्यक्ष नंदकिशोर व्यास और हॉस्पिटल के आर सी यादव एवं राज गोयल से संपर्क किया। मृत देह मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ.जीएस पटेल और एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ.विमल मोदी को सौंपी।इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

इंडेक्स नर्सिंग की छात्रा शालू जाटव ने राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीता

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इंदौर। इंडेक्स नर्सिंग की छात्रा शालू जाटव ने देहरादून उत्तराखंड में आयोजित सीनियर राष्ट्रीय जु-जित्सु प्रतियोगिता में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में पदक प्राप्त कर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल होने का अवसर देवास की बेटियों को मिला। इंडेक्स नर्सिंग कॉलेज की बीएससी की छात्रा शालू जाटव को इस प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मैडल प्राप्त हुआ।

राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीतने पर पर इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया, वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया, डायरेक्टर आर एस राणावत और इंडेक्स नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या ने छात्रा शालू जाटव का सम्मान किया।

खेलो इंडिया के एथलीट अब सरकारी नौकरियों के लिए पात्र होंगे: अनुराग ठाकुर

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नई दिल्ली, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि खेलो इंडिया के पदक विजेता खिलाड़ी अब सरकारी नौकरियों के लिए पात्र होंगे जो खेलों को व्यवहार्य करियर विकल्प में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा.

एक्स पर एक पोस्ट में खेल मंत्री ने कहा, “हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक मजबूत खेल पारिस्थितिकी तंत्र, जमीनी स्तर पर प्रतिभा का पोषण करने और खेल को एक आकर्षक और व्यवहार्य कैरियर विकल्प में बदलने के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, खेलो इंडिया एथलीट अब सरकारी नौकरियों के लिए पात्र होंगे.”

मंत्री ने कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि @DoPTGoI ने, @IndiaSports के परामर्श से, सरकारी नौकरी चाहने वाले खिलाड़ियों के लिए पात्रता मानदंड में प्रगतिशील संशोधन किए हैं.”

खेल मंत्री के अनुसार, खेलो इंडिया गेम्स – यूथ, यूनिवर्सिटी, पैरा और विंटर के पदक विजेता सरकारी नौकरियों के लिए पात्र होंगे.

“इसके अतिरिक्त, विभिन्न खेलों में समावेशिता सुनिश्चित करने के लिए खेलों और आयोजनों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है.

उन्होंने निष्कर्ष निकाला, “ये संशोधित नियम भारत को एक खेल महाशक्ति बनाने में हमारे एथलीटों के समर्थन में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक हैं.”

विश्व रिकॉर्ड धारक कोलमैन ने एथलेटिक्स इंडोर वर्ल्ड्स में 60 मीटर रेस जीती

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ग्लासगो, अमेरिकी धावक क्रिश्चियन कोलमैन ने शुक्रवार को यहां विश्व एथलेटिक्स इंडोर चैंपियनशिप में पुरुषों की 60 मीटर दौड़ का खिताब जीतने के लिए 6.41 सेकंड का विश्व-अग्रणी समय निकाला.

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 27 वर्षीय कोलमैन ने छह साल से 6.34 सेकंड का विश्व रिकॉर्ड कायम किया हुआ है, लेकिन उनके साथी नोआ लायल्स ने ग्लासगो में अधिक ध्यान आकर्षित किया, क्योंकि 200 मीटर विशेषज्ञ ने 6.43 सेकंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ के साथ यूएस इंडोर चैंपियनशिप जीती.

पिछले अगस्त में बुडापेस्ट विश्व चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण जीतकर धूम मचाने वाले लायल्स शुक्रवार को दो ठोस जीत के साथ आसानी से फाइनल में पहुंच गए. हालाँकि, इंडोर दुनिया का नवोदित खिलाड़ी अधिक अनुभवी कोलमैन की बराबरी नहीं कर सका क्योंकि 2018 विश्व इंडोर चैंपियन ने शुरुआत के ठीक बाद नेतृत्व किया और 0.03-सेकंड के अंतर से जीत हासिल की.

22 वर्षीय जमैका के एकीम ब्लेक 6.46 सेकेंड के साथ तीसरे स्थान पर रहे.

कोलमैन ने कहा, “आपको अपने आप में आत्मविश्वास महसूस करना होगा. मैंने अपने शरीर को वही करने देने का मन बना लिया है जो मैं अभ्यास में कर रहा हूं और मैं जीत कर आया.”

कोलमैन के हमवतन रयान क्राउसर ने चैंपियनशिप रिकॉर्ड को 22.77 मीटर तक सुधारकर पुरुषों के शॉट पुट में जीत पक्की कर दी.

विश्व रिकॉर्ड धारक, दो बार के ओलंपिक चैंपियन और दो बार के विश्व चैंपियन के रूप में, क्राउसर ने अपने अंतिम थ्रो के साथ अपना पहला इंडोर विश्व खिताब जीता.

न्यूजीलैंड के टॉम वॉल्श ने 22.07 मीटर में रजत पदक जीता, जबकि इटली के लियोनार्डो फैब्री ने 21.96 मीटर में कांस्य पदक जीता.

महिलाओं की ऊंची कूद में ऑस्ट्रेलिया की निकोला ओलिस्लागर्स ने 1.99 मीटर के साथ जीत हासिल की, जबकि विश्व चैंपियन यूक्रेन की यारोस्लावा महुचिख को 0.02 मीटर पीछे रहकर दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा.

इसके अलावा टूर्नामेंट के शुरुआती दिन, कनाडा की सारा मिटन ने महिलाओं के शॉट पुट में अपने सीजन के सर्वश्रेष्ठ 20.22 मीटर के साथ जीत हासिल की. महिलाओं के पेंटाथलॉन के पोडियम में बेल्जियम की नूर विड्स शीर्ष पर रहीं.

समय के बदलते चक्र में वैदिक घड़ी से दुनिया में मध्यप्रदेश और देश का नाम बढ़ेगा- मुख्यमंत्री

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उज्जैन, 01 मार्च 2024/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि समय के बदलते चक्र में उज्जैन में स्थापित दुनिया की पहली वैदिक घड़ी मध्यप्रदेश एवं देश का नाम दुनिया में बढ़ायेगी। अब भारत का समय दुनिया में जाना जायेगा। प्रदेश सरकार सम्राट विक्रामादित्य पर आधारित साहित्य का सृजन करने का प्रयास भी कर रही है। सम्राट विक्रामादित्य पर हमें सदैव गर्व रहा है। उक्त विचार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को कालीदास अकादमी उज्जैन में संस्कृति विभाग स्वराज संस्थान एवं जिला प्रशासन द्वारा आयोजित विक्रमोत्सव-2024 रीजनल इंडस्ट्रीज कान्क्लेव उज्जैन-2024, उज्जयिनी व्यापार मेला-2024 का रिमोट के माध्यम से शुभारंभ कर समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।

इस मौके पर एमएसएमई मंत्री श्री चेतन कश्यप, पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री श्री धर्मेन्द्र लोधी, सांसद श्री अनिल फिरोजिया और विधायक सर्वश्री अनिल जैन कालुहेड़ा, सतीश मालवीय, चिंतामण मालवीय तथा महापौर श्री मुकेश टटवाल मंचासीन थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य द्वारा स्थापित सभ्यता के आदित्य को दुनिया में पहचाना गया है। नागरिक तंत्र स्थापना के प्रथम पुरूष के रूप में सम्राट विक्रामादित्य जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि विक्रमोत्सव सरकार द्वारा समाज को साथ लेकर चलने वाला उत्सव है। उज्जैन काल गणना की नगरी है। साथ ही महॉकाल की नगरी भी उज्जयिनी है। हम सनातन संस्कृति के संवाहक हैं। सनातन संस्कृति पर हमें गर्व है। महाकवि कालीदास ने अपने ग्रंथों/काव्यों के माध्यम से उज्जैन की गौरवगाथा का वर्णन किया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर अर्ष भारत, वीर भारत, संकल्पन्यास, मण्डला, डिंडोरी, जबलपुर, सतना, आदि जिलों के स्वाधीनता संग्राम सेनानियों पर आधारित पुस्तकों, रामराजा शीर्षक से प्रकाशित पुस्तकों और ओरछा के रामराजा सीडी का विमोचन भी किया।

इस अवसर पर केन्द्रीय नागरिक उडड्यन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वर्चुअल उद्बोधन में कहा कि उज्जैन प्राचीन नगरी है। उज्जैन मध्यप्रदेश ही नहीं समूचे विश्व की एक प्राचीन धरोहर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव उज्जैन ही नहीं पूरे प्रदेश का विकास करने का कार्य कर रहे हैं यह गौरव की बात है। उज्जैन को धार्मिक, आध्यात्मिक केन्द्र ही नहीं व्यापार, व्यवसाय एवं प्रमुख औद्योगिक केन्द्र बनाने का प्रयास भी मुख्यमंत्री जी द्वारा किया जा रहा है। उज्जैन के विकास में सिंधिया परिवार के योगदान उल्लेख करते हुए श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि महाराजा राणोजी सिंधिया द्वारा महाकाल मंदिर निर्माण करवाया गया था और माधव महाराज द्वितीय ने माधवगंज में फ्रीट्रेड फेयर की स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि उज्जैन में अपार संभावनाएं हैं। उज्जैन व्यापार मेले की शुरूआत प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण कदम है। मध्यप्रदेश में कृषि के साथ ही फार्मा इंडस्ट्री, टेक्सटाइल के क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं। श्री सिंधिया ने कहा कि इन्दौर के बाद उज्जैन मध्यप्रदेश में आने वाले समय में मिनी बाम्बे के रूप में पहचाना जावेगा।

 मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंचासीन अतिथियों के साथ मां सरस्वती एवं सम्राट विक्रमादित्य के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर पूर्व मंत्री श्री पारस जैन, पूर्व विधायक श्री राजेन्द्र भारती, नगरनिगम अध्यक्ष श्रीमती कलावती यादव, श्री विवेक जोशी, श्री बहादुरसिंह बोरमुण्डला, श्री जगदीश अग्रवाल एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण, अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, संभागायुक्त डॉ. संजय गोयल उपस्थित थे।

ओरल कैंसर में नई तकनीक से मरीजों को मिल रहा फायदा

इंदौर। इंडेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेस मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा सीडीई प्रोग्राम आयोजित किया गया। इसमें ओरल कैंसर मैनेजमेंट विषय पर विभिन्न एक्सपर्ट्स द्वारा जानकारी दी गई। इस अवसर पर डॉ. रेशमा खुराना ने बताया कि ओरल कैंसर में फिजियोथैरेपी की स्टिम्युलेशन जैसी कई तकनीक का इस्तेमाल करके मरीज की दिनचर्या में होने वाले कामों को आसान बना सकते है। इसमें मरीज के जबड़े की एक्सरसाइज से टंग कपींग जैसी एडवांस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।

डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने मैक्सिलोफेशियल डिफेक्ट में प्रोस्थोडोंटिक्स और इम्प्लांट के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ओरल कैंसर, मुंह की एक घातक बीमारी है जो जीभ, अंदरूनी गाल, ऊपरी और निचले जबड़े के हिस्से को प्रभावित करती है। ओरल कैंसर के बाद जबड़े में स्पेशल सर्जरी कर मरीज के कई परेशानियों को कम किया जाता है। इस अवसर पर पीजी और यूजी स्टूडेंट्स द्वारा साइंटिफिक पेपर भी प्रस्तुत किए गए। इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया, वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया, मालवांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. संजीव नारंग, डायरेक्टर आर एस राणावत, एडिशनल डायरेक्टर आर सी यादव के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर प्रभारी डीन डॉ. सुपर्णा गांगुली, डाॅ. धीरज शर्मा, डाॅ. उर्वशी तोमर, डॉ. हिमांशु सिंह, डॉ. अर्पिता कविराज और डाॅ. अरुणी गर्ग ने छात्रों को पुरस्कार प्रदान किए।

एंडोक्राइनॉलोजी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता की जरूरत

ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एंडोक्राइनॉलोजी कॉन्फ्रेंस में 300 से ज्यादा डेलीगेट्स हुए शामिल

इंडेक्स मेडिकल कॉलेज, इंदौर से डायबिटीज (मधुमेह) व थायराइड से संबंधित रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया

इंदौर। मध्य एंडोक्राइन सोसाइटी द्वारा आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में एमडी फिजिशियन और एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉक्टर्स शामिल हुए। कॉन्फ्रेंस में 200 से अधिक डेलीगेट्स शामिल हुए। इस कॉन्फ्रेंस में सभी टॉपिक इस प्रकार के रखे गए कि एंडोक्राइनॉलोजी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाई जा सके। इसके अलावा, मरीजों के ट्रीटमेंट लैब टेस्ट और उनके रिजल्ट को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने पर भी फोकस किया गया।

एपीआई इंदौर के सेक्रेटरी डॉ. अभ्युदय वर्मा ने बताया कि मधुमेह और थायराइड जैसी बीमारी आज हर उम्र के लोगों को हो रही है। इसमें खानपान और गलत लाइफस्टाइल इस बीमारी को और बढ़ाने का काम कर रही है। ऐसे समय में सही एंडोक्राइनोलॉजिस्ट से इलाज और मार्गदर्शन के जरिए आप खुद को स्वस्थ रख सकते हैं।

इस अवसर पर पीजी डॉक्टर्स द्वारा केस भी प्रस्तुत किए गए। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज, इंदौर से डॉ. मेघराज सिंह ने डायबिटीज (मधुमेह) व थायराइड से संबंधित रिसर्च पेपर तथा जन्मजात रोग व थायराइड से संबंधित ई-पोस्टर प्रस्तुत किए, जिन्हें वरिष्ठ चिकित्सकों ने काफी सराहा तथा प्रमाणपत्र देकर सम्मानित भी किया। डॉ. मेघराज सिंह ने इसका श्रेय अपने गाइड डॉ. सुधीर मौर्य के कुशल मार्गदर्शन को दिया।

कॉन्फ्रेंस में डॉ. सुबोध बैंजल आयोजन अध्यक्ष, डॉ. सुनील एम. जैन, आयोजन सचिव, डॉ. राजेश वर्मा, कोषाध्यक्ष और डॉ. अपूर्वा सूरन और डॉ. सिद्धार्थ राखे भी उपस्थित थे।

शहर की प्रतिभा को नई पहचान दिलाने जल्द आ रहा डिफर का कलाकॉर्नर

इंदौर : “प्रतिभा का मोल तब तक नहीं है, जब तक उसे पहचान न मिले..” कई लोग प्रतिभा के धनी होते हैं, लेकिन अक्सर अवसरों की कमी के चलते खुद को पीछे पाते हैं। इसे गहनता से पहचानता है डिफर (Diffr), जो रचनात्मक लोगों के लिए एक साथ आने, उनके विचार साझा करने और बेहतर नौकरी के अवसरों की तलाश करने के लिए एक विशेष ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है। शहर की प्रतिभाओं को नई पहचान दिलाने के उद्देश्य से इस मंच ने दो दिवसीय कार्यक्रम ‘कलाकॉर्नर’ (कलाCorner) की घोषणा की है, जिसका आयोजन जीएसआईएमआर कॉलेज, होटल मैरियट के पास, विजय नगर, इंदौर में 16 और 17 मार्च, 2024 को किया जाएगा।

‘कलाकॉर्नर’ कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताते हुए, डिफर के फाउंडर, पुलकित जैन ने कहा, कलाकॉर्नर के साथ हमारा उद्देश्य प्रतिभाओं को एक ऐसा प्लेटफॉर्म प्रदान करना है, जहाँ वे स्वतंत्र रूप से और खुलकर अपने विचारों को रख सकें, अनुभवी प्रोफेशनल्स से नॉलेज ले सकें और उनसे कंसल्ट कर सकें। इसके माध्यम से हम ब्रांड जागरूकता बढ़ाने और इंदौर की प्रतिभाओं के लिए एक मजबूत नेटवर्किंग इकोसिस्टम स्थापित करने की इच्छा रखते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “समाज में जागरूकता को बढ़ावा देते हुए, कलाकॉर्नर शहर की प्रतिभा को नई पहचान दिलाने के लिए तैयार है। यह सभी क्षेत्रों के कलाकारों और रचनाकारों को एक मंच पर लाने का माध्यम बनेगा।”

2000 से अधिक प्रतिभागियों के शामिल की उम्मीद के साथ, कलाकॉर्नर कार्यक्रम में पहले दिन जानी-मानी हस्ती भारतीय फिल्म, टेलीविज़न व थिएटर अभिनेता और निर्देशक राजेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में ‘एक्टिंग शाला’ नामक एक्टिंग वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा। वहीं, दूसरे दिन, बहुमुखी और हास्य प्रतिभा के धनी शिवांकित सिंह परिहार एक रचनात्मक चर्चा मंच ‘चर्चा कॉर्नर’ के माध्यम से प्रतिभागियों को मंत्रमुग्ध करेंगे। इसके बाद डिफर गाला नाइट में दर्शक विविध प्रतिभाओं की एक अविस्मरणीय शाम का अनुभव कर सकेंगे, जिसमें बैंड परफॉर्मेंस आकर्षण का केंद्र होगा। इसके साथ ही, डिफर ओपन स्टेज भी दर्शकों को अपना बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा, जहाँ वे म्यूजिक, कॉमेडी, मिमिक्री, डांस और कविता आदि का लुफ्त उठा सकते हैं। इंदौर के सर्वश्रेष्ठ संगीतकारों और मंत्रमुग्ध कर देने वाले बाँसुरी वादकों से लेकर खूबसूरत डांसर्स और भावपूर्ण गायकों तक, यह लाइनअप दर्शकों को आकर्षित करने का वादा करता है।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य नेटवर्किंग और ब्रांड एक्सपोज़र के लिए एक मंच प्रदान करते हुए, स्थानीय प्रतिभा को बढ़ावा देना है। इस कार्यक्रम को इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि यह अभिनेताओं, मॉडल्स, फोटोग्राफर्स, वीडियो एडिटर्स, फोटोग्राफर्स, कॉन्टेंट वरिटेरस, ग्राफिक डिजाइनर्स और अन्य सहित विविध दर्शकों की जरूरतों को पूरा कर सके, जो इंडस्ट्री के विभिन्न पहलुओं का पता लगाने और उनसे जुड़ने के लिए उत्सुक हैं। ऐसे में, यह आगामी कार्यक्रम थिएटर से लेकर सिनेमा तक, कविता से लेकर संगीत तक और उससे भी कहीं अधिक रचनात्मकता के विभिन्न रूपों को शामिल करते हुए, शहर के हुनरबाजों को व्यापक अनुभव प्रदान करने का वादा करता है।

डिफर के बारे में:
डिफर क्रिएटिव प्रोफेशनल्स के लिए ऑल-इन-वन प्लेटफॉर्म है, जो कम्युनिटी, अवसर और नेटवर्किंग को बढ़ावा देता है। यह एक विशेष ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो प्रतिभाओं को एक साथ आने, विचार साझा करने और अच्छी नौकरी के अवसरों की खोज करने के अवसर प्रदान करता है। यह प्लेटफॉर्म प्रतिभाशाली लोगों के लिए शानदार नौकरी की पेशकश करता है और कंपनियों को पूरे देश की श्रेष्ठ प्रतिभाओं से जोड़ता है। अधिक जानकारी के लिए विज़िट करें www.diffr.co

आनंदम वॉइस ऑफ सीनियर्स-6: धीमे सधे कदमों से मंच तक पहुँचने और विजेता का खिताब हासिल करने तक का सफर

वह कहते हैं न कि हुनर कभी उम्र का मोहताज नहीं होता, इसकी मिसाल के रूप में इंदौर की प्रमुख संस्था आनंदम सीनियर सिटीजन सेंटर में रविवार को वॉइस ऑफ सीनियर्स-6 का आयोजन किया गया। प्रेस्टिज कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट में आयोजित इस वरिष्ठ नागरिकों की गायन प्रतियोगिता में महू की माला स्टीफन्स ने प्रथम और श्रीमती सुनेत्रा अम्बर्डेकर ने द्वितीय स्थान हासिल किया। दोनों विजेताओं को क्रमशः 51000 और 21000 रुपए की नकद राशि से पुरस्कृत किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री दीपक चौहान, ग्रुप एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट एवं रीजनल हेड- यस बैंक, की गरिमामयी उपस्थिति दर्ज की गई। साथ ही, श्री हरमिन्दर सिंह भाटिया और श्रीमती गुरवींन कौर भाटिया, ट्रस्टी, माता रामकौर मेमोरियल जन कल्याणिक ट्रस्ट ने भी अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। वॉइस ऑफ सीनियर्स- वरिष्ठ नागरिकों की गायन प्रतियोगिता में प्रायोजक डीडवानिया (रतनलाल) चैरिटेबल ट्रस्ट, मुंबई और सह-प्रायोजक: इंडो थाई न्यूज, बैंकॉक रहे। साथ ही, बैंकिंग पार्टनर यस बैंक और मीडिया पार्टनर पीआर 24×7 रहे।

प्रतियोगिता के बारे में अधिक जानकारी देते हुए आनंदम सीनियर सिटीजन सेंटर के अध्यक्ष, श्री नरेन्द्र सिंह ने बताया, “इस तरह के आयोजन वरिष्ठ लोगों को प्रोत्साहित करने और उनके हुनर की खुलकर पेशकश करने का सबसे सार्थक माध्यम हैं। इस वर्ष हमें 350 रजिस्ट्रेशन्स प्राप्त हुए, जिनमें से शीर्ष 2 विजेताओं का चयन जजेस द्वारा किया गया। दोनों प्रतिभाशाली विजेताओं को आनन्दम परिवार की ओर से ढ़ेरों बधाई एवं शुभकामनाएँ।”

आनंदम सीनियर सिटीजन सेंटर के सेक्रेटरी श्री एस बी खंडेलवाल ने कहा, “वरिष्ठ नागरिकों के लिए आनंदम एक अनूठी पहचान बन चुका है, जहाँ न सिर्फ उनके हुनर को नए आयाम मिलते हैं, बल्कि उन्हें अपने हुनर को जीने का भी खूबसूरत मौका भी मिलता है। छह सफल संस्करणों ने हमें इसे आगे भी जारी रखने के लिए प्रेरित किया है।”

गौरतलब है कि आनंदम सीनियर सिटीजन सेंटर का संचालन माता रामकौर मेमोरियल जन कल्याणिक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। इस प्रतियोगिता में 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के प्रतिस्पर्धी ही भाग ले सकते थे, जिसमें सिर्फ हिंदी फिल्मों के गानों को ही मान्यता थी। सेमी फाइनल का आयोजन 16 फरवरी और फाइनल का आयोजन 18 फरवरी, 2024 को किया गया। तीन राउंड में सम्पन्न हुए फाइनल में सभी प्रतिभागियों को जजेस द्वारा अलग-अलग टास्क्स दिए गए, जिन्हें सबसे बेहतरी से पूरा करने वाले पाँच प्रतिभागी अगले राउंड के लिए चयनित हुए। समान प्रक्रिया इस राउंड में भी दोहराई गई, जिनमें श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले दो प्रतिभागियों के नाम विजेता का खिताब कर उन्हें सम्मानित किया गया।