Friday, April 19, 2024
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उज्जैन के माच थिएटर कलाकार ओम प्रकाश शर्मा को पद्मश्री

भोपाल, । मध्य प्रदेश के ‘माच’ थिएटर कलाकार पंडित ओम प्रकाश शर्मा को 2024 के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।

सरकार ने 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सभी श्रेणियों के लिए पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की है।

उज्जैन के रहने वाले शर्मा (85) पिछले सात दशकों से माच लोक रंगमंच का चेहरा रहे हैं। माच थिएटर मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र की नृत्य नाटिका का एक रूप है।

शर्मा माच के उस्ताद कालूराम स्कूल से हैं। उस्ताद कालूराम उनके दादा थे, और वह बचपन से ही माच की लोक कला का अभ्यास करते रहे हैं।

माच में शर्मा का योगदान इसके प्रदर्शन तक ही सीमित नहीं है, क्योंकि उन्होंने मालवी में माच के लिए 18 नाटक लिखे हैं, कई माच प्रस्तुतियों का निर्माण किया है, विभिन्न थिएटर प्रस्तुतियों के लिए संगीत तैयार किया और प्रदर्शन किया है और इस लोक कला में युवा कलाकारों को प्रशिक्षित किया है।

पद्मश्री के लिए चुने जाने से पहले, पंडित शर्मा को माच कला के लिए उनके बहुमूल्य योगदान के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शिखर सम्मान और प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।

2024 के पद्मश्री पुरस्कार के लिए अपने नाम के बारे में पता चलने पर, उज्जैन के एक गांव में रहने वाले पंडित शर्मा को पारिवारिक मित्रों और पड़ोसियों ने बधाई दी।

आज लोगों को राम-कृष्ण के आचरणों को अपनाने की जरूरत है-सन्त उमाकान्त जी महाराज

मुंबई (महाराष्ट्र)बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि कहा गया है- एक राम दशरथ का बेटा, एक राम घट-घट में लेटा। एक राम का सकल पसारा, एक राम सब जग से न्यारा।। जिनको जानकारी नहीं है वह तो दशरथ के बेटे को राम मान लेते हैं जो चले गए, वो केवल उन्हीं को सम्मान देते हैं। दूसरा राम मन को कहा गया है जो जीवात्मा के साथ लगा हुआ है। तीसरा राम निरंजन भगवान जिनको ईश्वर, खुदा, गोड अपनी-अपनी भाषा में लोगों ने कहा। चौथा राम सबके सिरजनहार सतपुरुष है; उस राम से मिलाने वाले भेदी गुरु की खोज करो। मूर्ति फोटो पूजने से आपकी श्रद्धा भाव भक्ति के अनुसार लाभ तो मिल जाएगा लेकिन जीवात्मा का कल्याण नहीं हो सकता।

सबको गुरु की जरूरत पड़ी। राम कृष्ण दोनों ने विद्या गुरु अलग- विश्वामित्र और सांदीपनि तथा आध्यात्मिक गुरु- वशिष्ठ और सुपच किये। कुछ न कुछ कर्म जान-अनजान में सब के बनते हैं। उसकी सफाई करना बहुत जरूरी होता है। इसलिए मन में आये अभाव को, कर्म को काटने के लिए सतसंग सुनने, सेवा करने, साधना करने या गुरु भक्ति की बातें करने की आदत बराबर डाले रहो। सन्त, समरथ सतगुरु की जरूरत है जो रास्ता बताकर जीवात्मा को उस मालिक तक पहुंचा दें, जन्म-मरण से छुट्टी दिला दें।

महापुरुषों का काम ही समझाने का होता है। अब तो उपदेश समझने वालों में ही गलत आदतें आ गई तो कैसे समझाएं। उदाहरण के लिए जो खुद नशेडी हो, वह उपदेशक, कथा वाचक, सतसंग करने वाला आदि दूसरों को नशे से दूर रहने के लिए कैसे कहे? तो उनके उपदेशों को बदल दिया लोगों ने और आसन इस तरह से कर दिया की जन्माष्टमी मना लो, राम विवाह, रासलीला, रामलीला आदि मना लो, जगह-जगह मंदिर बना दो, फूल-पत्ती चढ़ा दो तो आसान हो गया लेकिन उनके उपदेश को बताने की जरूरत है, उन्होंने जनहित के लिए क्या-क्या काम किया, कितना त्याग किया, यह बताने की जरूरत है कि हम उनके वंशज हैं, हमको उनका अनुकरण करना चाहिए, उनके बताए हुए रास्ते पर हम चलेंगे, उनका बताया हुआ अच्छा काम हम करेंगे। आज केवल कृष्ण-राम कथा-चरित्र पढ़ने, केवल बाहरी क्रियाएं करने की बजाय राम-कृष्ण के उपदेशों को लोगों को बताने, उनका अनुसरण करने की जरुरत है। विचार करो, आज राम जैसे लोग और सती अनुसुइया सावित्री जैसी बच्चियां क्यों नही बन पा रही।

आजकल वेद न कोई पढ़ता, न कोई जानता है। आगे की जानकारी वेदों में भी नहीं है। गोस्वामी जी ने सबसे पहले लिखा – घट रामायण। यानी जो अंदर घट में होता रहता है, मानस में जो राम का चरित्र हो रहा है, वो। लेकिन लकीर के फ़क़ीर बने लोगों के विरोध की वजह से उन्होंने उसे गोपनीय कर दिया। फिर लिखा राम चरित मानस जिसके शुरुवाती भाग में बहलाने के लिए राम का किस्सा-कहानी लिखी और आखरी कांडों में आध्यात्मिक का वर्णन किया जिसे लोग समझ नहीं पाते। जिसने खुद नहीं देखा वो क्या बताएगा, लोग किताबों में ही उलझे रह गए। सिख भी किताब पढ़ने में ही रह गए जबकि वक़्त के गुरु को खोजने, उनके पास जाकर अपना कल्याण करने के लिए लिखा है।

देखो इस समय राम भगवान की चर्चा देश और विदेशों में खूब हो रही है लेकिन राम भगवान के बारे में जो उन्होंने लिखा कि वह भी नहीं समझ पाए इतनी बड़ी महिमा नाम में है। राम न सकहीं नाम गुण गाई। कहां लगी करूं मैं नाम बडाई। वह नाम जिसमे सब कुछ समाया हुआ है, जिससे सारे सृष्टि,अंड पिंड ब्रह्मांड जुड़े हुए हैं उसी नाम के बारे में उन्होंने कहा- कलयुग केवल नाम अधारा। सुमिर सुमिर नर उतराही पारा।। नाम लेतु भव सिंधु सुखाही। सुजन विचार करो मनमाही।। वह नाम जो राम भी उसके बारे में नहीं जान सके वह नाम क्या है मिलेगा कहां उन्होंने कहा- नाम रहा संतन अधीना। संत बिना कोई नाम न चीन्हा।। बगैर संत के नाम की पहचान नहीं हो सकती है उनके अधीन जो नाम हुआ करता है वही नाम समय-समय पर संत आते हैं।

यह जयगुरुदेव नाम किसी आदमी का नहीं, यह भगवान परमात्मा का नाम है। महापुरुष जब इस धरती पर आते हैं तो एक नाम को जगाते हैं जैसे त्रेता में राम नाम, द्वापर में कृष्ण, कलयुग में कबीर साहब ने सतसाहेब, नानक जी ने वाहेगुरु, शिवदयाल जी ने राधास्वामी नाम जगाया। अभी “जयगुरुदेव” नाम प्रभु का, गुरु महाराज द्वारा जगाया हुआ नाम है, मुसीबत में मददगार है। मुसीबत जब आये, जयगुरुदेव नाम बोलोगे तो मदद होगी, चाहे बीमारी हो चाहे लड़ाई झगड़ा हो चाहे घर में कोई टेंशन हो तकलीफ जब आवे तो जयगुरुदेव नाम की ध्वनि बोलना शुरू कर दो और फायदा देखो। राम कृष्ण ने बहुत समझाया, मैं भी लगातार समझा रहा हूं, नहीं समझ में आएगा तो विनाश अवश्यंभावी है।

भारतीय दंत परिषद ने किया प्रसाद वितरण

उज्जैन। भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में भारतीय दंत परिषद के बैनर तले दंत चिकित्सकों ने शहीद पार्क पर राम रैली का स्वागत एवं प्रसाद वितरण किया गया। इसमे शहर के वरिष्ठ दंत चिकित्सक व कई युवा दंत चिकित्सक सम्मिलित हुए। रैली में डॉ. कविता त्रिवेदी, डॉ. इमित सलूजा, डॉ. नितिन, डॉ. अंकित प्रदीप, डॉ. नमिता, डॉ. अपूर्व, डॉ. गौरव, डॉ. अभिषेक, डॉ. प्रीति सिंह, डॉ. पूर्वी, डॉ. अंकित एवं अन्य दंत चिकित्सक मौजूद थे।

22 जनवरी को सिख समाज करेगा 11000 लड्डूओका वितरण

जत्थेदार सुरेंद्र सिंह अरोरा ने बताया ने बताया की अयोध्या मैं रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर सिख समाज मैं खुशी और हर्ष व्याप्त है हम सभी धर्म के लोगों से मिलकर इस उत्सव के रूप में मनाएंगे l अयोध्या मैं रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के उपलक्ष में आज सभी गुरुद्वारा अध्यक्ष एवं कार्यकारिणी द्वारा यह निर्णय लिया गया कि सिख समाज 11000 लड्डूओ का वितरण करेगा l
सिख धर्म के संरक्षक इकबाल सिंह की गांधी ने बताया कि हर भारतीय के लिए हर भारतीय के लिए यह गौरव का अवसर है सिख समाज दोपहर 1:00 एकत्रित होकर टावर चौराहा पर सिख समाज द्वारा 1.30बजे शुक्रकाने की सामूहिक अरदास की जाएगी. l
चरणजीत सिंह कालरा ने बता गुरु ग्रंथ साहिब में श्री राम जी के नाम का उल्लेख हजारों बार किया गया l
गुरुद्वारा सुख सागर फ्रीगंज के अध्यक्ष चरणजीत सिंह कालरा , दलजीत सिंह अरोड़ा ,गुरुद्वारा गुरु नानक घाट के बाबाजी त्रिलोचन सिंह सरपंच ,पुरुषोत्तम सिंह चावला, आत्मा सिंह विग, राजा कालरा नीलम कालरा ने बताया कि सिख समाज में हर्ष व्याप्त है l
सिख समाज के संभागीय प्रवक्ता एस एस नारंग ने जानकारी दी l

अयोध्या में मंदिर होंगे स्वच्छ, भगवान के चरणों में चढ़े फूलों से बनेगी धूप

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अयोध्या, । अयोध्या धाम में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान और इसके बाद मंदिर में उपयोग होने वाले और भगवान के श्रीचरणों में चढ़ने वाले फूलों के कारण मंदिर परिसर में गंदगी न हो, इसके लिए अयोध्या नगर निगम ने अनूठी पहल की है। इस पहल के तहत अयोध्या धाम के सभी मंदिरों में चढ़े फूलों को प्रॉसेस करके धूपबत्ती बनाई जा रही है।

प्राण प्रतिष्ठा में बड़ी तादाद में चढ़ने वाले फूलों को भी नगर निगम इसी तरह प्रॉसेस करेगा, जबकि, प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद भी मंदिर परिसर में उपयोग होने वाले फूलों से धूपबत्ती बनाई जाएगी, ताकि मंदिर को न सिर्फ स्वच्छ रखा जा सके, फूलों की प्रॉसेसिंग के माध्यम से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार से भी जोड़ा जा सके।

एक आकलन के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या धाम के सभी मंदिरों से प्रतिदिन 9 मीट्रिक टन फूल वेस्ट रिसाइकिल किए जाने की उम्मीद है, जबकि अभी यह 2.3 मीट्रिक टन हो रहा है।

अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह के अनुसार प्रभु श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या जी में हर साल असंख्य तीर्थयात्री आते हैं, जिससे टनों पुष्प अपशिष्ट उत्पन्न होता है। इस पुष्प अपशिष्ट को एकत्र करके इसे प्राकृतिक अगरबत्ती में परिवर्तित किया जाता है। यह पहल, अयोध्या के मंदिर के फूलों को एक नया जीवन प्रदान करती है और पूरे भारत के भक्तों के लिए एक शुभ, सुगंधित अनुभव बनाती है, जो श्री राम जन्मभूमि मंदिर के उत्सव में शामिल हो सकते हैं और अयोध्या जी और भगवान राम का आशीर्वाद घर ला सकते हैं, चाहे वे कहीं से भी हों।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में 10 लाख दीपों से रोशन होगी अयोध्या

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अयोध्या, । 22 जनवरी को श्रीरामलला के दिव्य-भव्य मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूरा हो जाएगा तो शाम को पूरी रामनगरी 10 लाख दीपों से जगमगाएगी। सरकार के आह्वान पर मकानों, दुकानों, प्रतिष्ठानों व पौराणिक स्थलों पर ‘राम ज्योति’ प्रज्ज्वलित की जाएगी।

राम की नगरी सरयू नदी के तटों की मिट्टी से बने दीपों से रोशन होगी। कभी वनवास से वापस आने पर दीप जलाकर अयोध्या में दीपावली मनाई गई थी तो अब प्राण-प्रतिष्ठा पूर्ण होने के उपरांत ‘राम ज्योति’ जलाकर दीपावली मनाई जाएगी। सात वर्षों से दीपोत्सव का भव्यतम आयोजन करा रही योगी सरकार 22 जनवरी को फिर से दीपों से अयोध्या सजाएगी, जिसका दिव्यतम दीदार दुनिया करेगी। पर्यटन विभाग की ओर से इसकी भव्य तैयारी की जा रही है।

तमिलनाडु के रंगनाथ स्वामी मंदिर के पुजारियों ने राम मंदिर के लिए दिए उपहार

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तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में स्वामी रंगनाथ मंदिर के पुजारियों ने शनिवार को उत्तर प्रदेश की अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उपहार दिये।

इससे पहले, मोदी ने प्रसिद्ध मंदिर में पूजा-अर्चना की और मंदिर के हाथी ‘अंडाल’ को खाना भी खिलाया।

उन्होंने एक तमिल विद्वान द्वारा प्रस्तुत ‘कंब रामायणम’ के छंद भी सुने। ऐसा माना जाता है कि 12वीं सदी के तमिल कवि कंबर – जिन्होंने पहली तमिल रामायणम लिखी थी – ने मंदिर में स्वामी रंगनाथ के सामने छंदों का पाठ किया था।

मंदिर के अंदर एक चबूतरा है जिसका नाम ‘कंबा रामायण’ है।

तलाक की कार्यवाही में क्रूरता के निष्कर्ष गुजारा भत्ते से इनकार का आधार नहीं: दिल्ली हाई कोर्ट

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नई दिल्ली, । दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि तलाक की कार्यवाही में पत्नी के खिलाफ क्रूरता के निष्कर्ष होने भर से घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 के तहत उसके गुजारा भत्ते से इनकार नहीं किया जा सकता।

न्यायमूर्ति अमित बंसल ने आदेश में अधिनियम के तहत रखरखाव के दावों की स्वतंत्रता पर जोर दिया और प्रत्येक कानूनी प्रावधान पर उसके विशिष्ट संदर्भ में विचार करने के महत्व को रेखांकित किया।

उन्होंने यह भी देखा कि घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 29 के तहत अपील में सत्र न्यायालय द्वारा पारित आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में एक पुनरीक्षण याचिका दायर की जा सकती है।

यह फैसला एक सत्र न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ एक पत्नी की याचिका के जवाब में आया, जिसने निचली अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया था जिसमें पति को भरण-पोषण और मुआवजे के लिए प्रति माह एक लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था। यह मामला 1991 में हुई एक शादी से जुड़ा है और उसी साल एक बच्चे का जन्म हुआ।

घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत 2009 में एक शिकायत दर्ज की गई थी, और मध्यस्थता के दौरान एक समझौता हुआ था।

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा था कि पत्नी को पति के हाथों “घरेलू हिंसा” का सामना करना पड़ा था। पति ने सत्र न्यायालय के समक्ष इस आदेश को चुनौती दी थी जिसने कोई अंतरिम गुजारा भत्ता तय किये बिना मामले को नए सिरे से सुनवाई के लिए ट्रायल कोर्ट में वापस भेज दिया।

आगे का समय बहुत खराब, खाक होंगे नगर, लोग मिट जाएंगे, जलजला में भी निशा न रह जाएगा: बाबा उमाकान्त जी महाराज

सिलवासा त्रिकालदर्शी, मनुष्य के पाप कर्मों से नाराज कुदरत द्वारा दी जाने वाली सजा से समय रहते आगाह करने वाले, बचने का सरल उपाय भी बताने वाले, वक़्त के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 19 जनवरी 2024 दोपहर सिलवासा (दादरा नगर हवेली और दमन दीव) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि आगे का समय बहुत खराब आ रहा है। ज्यादा हमको नहीं बताने का समय है, लेकिन बस यही कह रहा हूं आपसे, खाक होंगे नगर, लोग मिट जाएंगे, जलजला में भी निशा न रह जाएगा। उसके आसर दिखाई पड़ने लगे हैं। बारिश के महीने में जब भूरा बादल नीचे की तरफ से उठता दिखाई पड़ता है तब यह असार मालूम पड़ जाता है की बारिश होगी। धूँआ जहां दिखाई पड़ता है, मालूम हो जाता है कि आग है, जल करके राख कर देगी। ऐसे ही देखो विनाश लीलाएं विदेशों में शुरू हो गई हैं। भारत में तो समझो अभी थोड़ी गनीमत है लेकिन दूसरे देशों में देखो गोले दग रहे हैं, नगर के नगर खत्म होते चले जा रहे हैं, आदमी खत्म होता चला जा रहा है। देखो बाढ, भूकंप, तूफ़ान आदि बहुत आ रहे हैं। अभी मॉरिशस में बाढ़ आया।

मॉरिशस के राष्ट्रपति ने माँगा आशीर्वाद

मॉरीशस में जब मैं सतसंग करने गया था वहां के (पूर्व) राष्ट्रपति आए थे, राष्ट्रपति ने मुझसे कहा कि आप आशीर्वाद दीजिए, हमारा देश तरक्की करे, लोग ठीक रहे। तो हमने उनसे भी कहा था कि लोगों से कह दीजिए कि लोग शाकाहारी, नशा मुक्त हो जाए नहीं तो लोगों के कर्म खराब हो जाएंगे और कर्मों की सजा मिलेगी। जैसे आपका टापू है, ऐसे वह भी टापू है, चारों तरफ समुद्र है। खबर आई, वहां पानी भर गया, समुद्र में तूफान आ गया, शहर के ऊपर पानी उठाकर के सब डाल दिया, समझो, ऐसे ही इस वक्त का जीवन, विशेष रूप से समुद्र के किनारे वालों का जीवन इस तरह से है कि जैसे बारूद के ढेर पर आदमी खड़ा हुआ हो, उसका कोई ठिकाना नहीं रह जाता, कब आग लग जाए। या जैसे कोई कागज की नाव में बैठकर नदी पार करने के लिए सोचे, पता नहीं कब पानी भर जाए और डूब जाए। ऐसे ही लोगों की जिंदगी हो रही है।

बचने का उपाय

लेकिन यदि आप सुमिरन, ध्यान, भजन करते रहोगे, जयगुरुदेव नाम ध्वनि अगर आप बोलते रहोगे तो मालिक आपकी मदद करेगा। देखो प्रेमियों! यह जो गुलाबी कपड़ा पहनाया गया है, इसको अभी उतारने का समय नहीं आया है। बल्कि जो नए नामदानी हो, आप लोग पहन सकते हो। इसमें रहस्य है। यह आपकी बचत करेगा। ऐसे समय पर बचत करेगा, ऐसा चमत्कार दिखाई पड़ेगा, वह तो समय पर ही अनुभव होगा। इसलिए इसको जो पहनते हो, उतरना मत। अभी तो वो लोग जो टाट पहनते हैं, वो लोग भी बराबर पहने रहे। गुरु महाराज के कहने पर एक करोड़ लोगों ने टाट पहना था। मैं भी पहनता था लेकिन जब नाम दान देने का आदेश हो गया तब उतार दिया। जो जनहित का काम आपका चल रहा है, उसे बराबर चलाते, करते रहना। लेकिन असली चीज, सार क्या है? यही भजन, सुमिरन, ध्यान। यह सतसंगियों का मूल मंत्र है, यही असला काम है, बाकी तो आप निमित्त मात्र अपने शरीर, बच्चों के लिए नाम कमा लो, समाज में स्थान भी बना लो, यह भी कर सकते हो, इसके लिए कोई रोक-टोक नहीं है।

सिख धर्म के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंघ साहिब जी के प्रकाश पर्व का तीन दिवसीय आयोजन

गुरुवार सुख सागर उज्जैन का स्थापना दिवस 14 जनवरी को मनाया जाएगा l गुरुद्वारा सुख सागर के अध्यक्ष चरणजीत सिंह कालरा ने बताया कि 13 जनवरी को रात्रि दीवान 7:00 से 9:00 बजे तक भाई अमनदीप सिंह( भाई मांझ साहिब बीबी कोलाजी वाले ) बड़ा शबद कीर्तन किया जाएगा 14 जनवरी को भाई अमनदीप सिंह जी का शबद कीर्तन सुबह 8:30 बजे से 12:00 बजे तक शबद कीर्तन किया जाएगा एवं गुरु जी का अटूट लंगर होगा l
सिख समाज द्वारा 14 जनवरी को लोहड़ी का पर्व मनाया जाएगा गुरुद्वारों के अलावा घरों में भी मनाया जाता है l गुरुद्वारा सुखसागर में रात्रि 9:00 बजे लोहड़ी का पर्व मनाया जाएगा l
सिख धर्म के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंघ साहिब जी का प्रकाश पर्व 15 जनवरी से 17 जनवरी तक गुरुद्वारा दूध तलाई में मनाया जाएगा l
गुरुद्वारा दूध तलाई के अध्यक्ष दलजीत सिंह अरोड़ा ने बताया कि 15 जनवरी 2024 सोमवार को सभी गुरुद्वारों की प्रभात फेरीयो का प्रातः 6:00 बजे चामुंडा माता चौराहे पर मिलन होगा एवं वहां से एकत्रित होकर गुरुद्वारा दूध तलाई जाएगी वहां पर उनका 6:30 बजे स्वागत किया जाएगा l प्रातः 9:00 बजे निशान साहब की सेवा की जाएगी l
16 जनवरी 2024 को रात को 9:00 बजे से 1:30 बजे तक गुरबाणी कीर्तन एवं कथा विचार होगा l भाई साहब जसप्रीत सिंघ जी (सोनू वीर जी,दिल्ली वाले ) एवं प्रीत कौर जी खालसा ( दिल्ली वाले ) का शबद कीर्तन होगा एवं प्रचारक भाई साहब सुरीन्द्र सिंह जी (शिवपुरी वाले ) एवं भाई साहब सुरजीत सिंह जी द्वारा शबद कीर्तन कीर्तन होगा l
17 जनवरी को प्रातः 8:00 बजे से अमृत संचार किया जाएगा l प्रातः 9:30 बजे अखंड पाठ की समाप्ति होगी एवं 10:00 बजे से 2:00 बजे तक गुरबाणी कीर्तन भाई साहब जसप्रीत सिंघ जी (सोनू वीर जी दिल्ली वाले ) एवं प्रीत कौर जी खालसा ( दिल्ली वाले ) का शबद कीर्तन होगा एवं प्रचारक भाई साहब सुरीन्द्र सिंह जी (शिवपुरी वाले ) द्वारा कथा की जाएगी एवं गुरुजी का अटूट लंगर होगा l तदुपरांत दोपहर 2:00 बजे से नगर कीर्तन गुरुद्वारा दूध तलाई से प्रारंभ होकर इंदौर गेट,दौलतगंज ,
मालीपुरा ,देवास गेट ,चामुंडा माता चौराहा, टावर चौराहा, शहीद पार्क ,गुरु नानक मार्केट ,माधव नगर हॉस्पिटल होते हुए गुरुद्वारा सुख सागर फ्रीगंज उज्जैन पर समाप्त होगा जहां पर गुरु जी का अटूट लंगर होगा l
सुरेंद्र सिंह अरोरा, इकबाल सिंह गांधी ,
चरणजीत सिंह कालरा ,पुरुषोत्तम सिंह जी चावला , आत्मा सिंह विग, त्रिलोचन सिंह जी सरपंच, राजा कालरा ,सुरजीत सिंह डंग ने सभी साध संगत से सभी कार्यक्रमों में उपस्थित होकर कार्यक्रम का लाभ लेने का निवेदन किया गया l
यह जानकारी सिख समाज के संभागीय प्रवक्ता एस.एस.नारंग ने दी l