Thursday, April 25, 2024

भारत का इस्पात उत्पादन जुलाई-सितंबर तिमाही में ढाई प्रतिशत बढ़ा

भारत का कच्चे इस्पात का उत्पादन जुलाई-सितंबर की तिमाही में 2.56 प्रतिशत बढ़कर तीन करोड़ टन से कुछ अधिक रहा है।

अनुसंधान कंपनी स्टीलमिंट के अनुसार, देश की शीर्ष छह इस्पात कंपनियों- सेल (SAIL), टाटा स्टील (Tata Steel), जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel), जेएसपीएल (JSPAL), एएमएनएस इंडिया (AMNS) और आरआईएनएल (RINL) ने कुल 1.82 करोड़ टन कच्चे इस्पात का उत्पादन किया।

शेष 1.17 करोड़ टन का उत्पादन द्वितीयक क्षेत्र ने किया। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में देश का कच्चे इस्पात का उत्पादन 2.93 करोड़ टन रहा था।

स्टीलमिंट द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, तिमाही के दौरान बड़े इस्पात विनिर्माताओं का उत्पादन 1.83 करोड़ टन से अधिक रहा, जबकि द्वितीयक श्रेणी के उत्पादकों ने 1.09 करोड़ टन का उत्पादन किया।

चालू वित्त वर्ष की 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में इस्पात का निर्यात सालाना आधार पर 66.43 प्रतिशत घटकर 14.1 लाख टन रह गया। एक साल पहले समान तिमाही में यह 42 लाख टन रहा था। समीक्षाधीन तिमाही में इस्पात की घरेलू खपत 11.33 प्रतिशत बढ़कर 2.75 करोड़ टन रही, जो एक साल पहले समान तिमाही में 2.47 करोड़ टन थी।

चालू वित्त वर्ष की मौजूदा अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के परिदृश्य के बारे में स्टीलमिंट ने कहा है कि तिमाही के दौरान मिलों ने पिछली तिमाही में संक्षिप्त अवधि की रखरखाव के लिए बंदी के बाद उत्पादन फिर शुरू कर दिया है।

ऐसे में चालू तिमाही में इस्पात का उत्पादन बढ़ेगा। सरकार ने इस साल 21 मई को लौह अयस्क के निर्यात पर शुल्क 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था। कुछ इस्पात मध्यवर्ती इकाइयों के लिए इसे 15 प्रतिशत तक बढ़ाया गया था। इसके अलावा सरकार ने कुछ कच्चे माल…कोकिंग कोयले और फेरोनिकेल के आयात पर सीमा शुल्क घटाया था। इस कच्चे माल का इस्तेमाल इस्पात उद्योग में होता है।

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