Friday, April 19, 2024

पूजा-पाठ से लेकर उज्जैन जैसे कॉरिडोर पर 5000 करोड़ रुपए खर्च कर हिंदू वोट साध रहे गहलोत

भाजपा-कांग्रेस दोनों हिंदुओं के मन की थाह लेने की प्रक्रिया में कई विरोधाभासों से गुजर रही हैं. ध्रुवीकरण से सारे चुनाव साधती आई भाजपा कट्टर हिंदुत्व से कुछ किनारा करने के मूड में है. अजमेर ब्लैकमेल कांड पर बनी फिल्म को ‘द केरला फाइल्स’ की तरह आक्रामक अंदाज में आगे नहीं बढ़ाएगी, न ही ऐसा नैरेटिव स्थापित करेगी जिसमें पार्टी पर नफरत की टैगिंग हो जाए.

राजस्थान चुनाव को लेकर यह सिद्धांतत: तय हो गया है. दूसरी तरफ मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप झेलती आई कांग्रेस 110 मंदिरों में 110 करोड़ के निर्माण, गोविंददेजवी, खाटूश्याम में उज्जैन की तर्ज पर कॉरिडोर और पूजा, पाठ, गाय, तीर्थ पर 5,000 करोड़ खर्च कर हिंदुओं की चिंता करने वाली पार्टी होने का दावा चुनाव में करने जा रही है. शेष | पेज 8 मुस्लिम तुष्टिकरण का ठप्पा लगने से हिंदू वोटर नाराज न हों, इस सोच से चुनावों में मुसलमानों को टिकट भी तुलनात्मक रूप से कम दिए जा रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक जबकि कांग्रेस ने 16 मुस्लिम प्रत्याशी खड़े किए.

प्रदेश में लोकसभा की 9 और विधानसभा की 40 सीटें मुस्लिम बहुल – विधानसभा : प्रदेश में विधानसभा की 40 सीटें मुस्लिम बहुल मानी जाती हैं. 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 16 प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से 8 जीते थे. बाद में नगर से बसपा से जीते वाजिब अली भी कांग्रेस में शामिल हो गए. भाजपा ने सिर्फ युनूस खान को टिकट दिया ले​ि​कन वह नहीं जीत पाए. इससे पहले 2013 में कांग्रेस ने 19 प्रत्याशी उतारे, सभी हारे. भाजपा ने 4 उतारे, इनमें से 2 जीते. वहीं, 2008 में कांग्रेस के 13 में से 11 जीते, भाजपा के 5 में से 1 ही जीता.

लोकसभा की 9 सीटें: बाड़मेर, चूरू, नागौर, सीकर, झुंझुनूं, टोंक-सवाईमाधोपुर, भरतपुर, अलवर एवं जयपुर सिटी मुस्लिम बहुल मानी जाती हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में सभी 25 सीटें भाजपा और 2019 में भाजपा व सहयोगी आरएलपी ने जीती. कांग्रेस ने 2014 में टोंक-सवाईमाधोपुर से क्रिकेटर अजहरुद्दीन व 2019 में चूरू से रफीक मंडेलिया को उतारा यानी एक-एक मुस्लिम प्रत्याशी उतारा लेकिन जीत नहीं पाए. इससे पहले 2009 में कांग्रेस को 20, भाजपा को 4 सीटें मिली थीं. दौसा से किरोड़ीलाल निर्दलीय जीते थे.

कांग्रेस: तीर्थ, पूजा, गाय पर आक्रामक रणनीति

  • साढ़े चार साल में 110 मंदिरों में विकास.
  • देवस्थान के 593 मंदिरों को प्रति मंदिर 1 लाख रुपया. दीया-बाती, पोशाक के काम.
  • पुजारियों का मानदेय 3000 से 5000 किया.
  • सावन के हर सोमवार को रुद्राभिषेक.
  • हनुमान जयंती पर सुन्दरकांड, नवरात्रा-रामनवमी पर अखंड रामायण.
  • देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत की संभागवार देवदर्शन पदयात्राएं.
  • दीपावली से पुष्कर में घाटों पर दीपदान, सीएम खुद शामिल हुए.
  • पुष्कर के 52 घाटों में परिक्रमा मार्ग. {गोविन्ददेव जी में 100 करोड़, खाटूश्याम जी में 32 करोड़ से डेडिकेटेड कॉरिडोर.
  • गलताजी के लिए 32 करोड़ रुपए.
  • आदिवासियों में पकड़ बनाने के लिए बेणेश्वर धाम में 100 करोड़.
  • तेजाजी मंदिर, राजसमंद के कनेवरी माता मंदिर समेत समाजों से जुड़े मंदिरों में विकास.
  • गौशालाओं और नंदीशालाओं को 4.5 साल में करीब 2500 करोड़ अनुदान.
  • 2 साल में 1 लाख तीर्थयात्रियों की यात्रा. {केदारनाथ के 62 आपदा आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति दी गई.

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles