नई दिल्ली, । भारतीय नौसेना ने अमेरिकी जेट एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट को खारिज कर दिया है। देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक ‘विक्रांत’ से संचालित करने के लिए राफेल एम का चयन किया गया है। भारतीय नौसेना 26 राफेल एम विमानों के लिए फ्रांस के साथ अरबों डॉलर की डील करने वाली है। मार्च में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की भारत यात्रा के दौरान इस डील पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।
भारतीय वायुसेना के बाद भारतीय नौसेना भी फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान हासिल करने की कतार में है। भारतीय नौसेना ने अमेरिकी जेट एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट को खारिज करके फ्रांसीसी राफेल एम का सौदा करने का विकल्प चुना है। राफेल एम के सौदे को भारत और फ्रांस के संबंधों में मील का पत्थर करार दिया जा रहा है। दोनों देशों के बीच यह डील मार्च में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के भारत दौरे पर हो सकती है। इससे पहले भारतीय वायु सेना ने दो लड़ाकू स्क्वाड्रन (36 विमान) के लिए राफेल को चुना था, अब भारतीय नौसेना राफेल एम का अधिग्रहण करने के लिए तैयार है।
राफेल बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन को भरोसा है कि राफेल एम भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस विक्रांत के लिए उपयुक्त होगा। राफेल एम का इस्तेमाल अभी भी ग्रीस, इंडोनेशिया और यूएई की सेनाएं कर रही हैं। अमेरिकी फाइटर जेट एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट और राफेल एम का पिछले साल की शुरुआत में नेवी ने ट्रायल किया था। दोनों लड़ाकू विमानों का परीक्षण गोवा के नौसैनिक अड्डे आईएनएस हंसा में किया गया था। इस परीक्षण की एक विस्तृत रिपोर्ट दिसंबर में भारत के रक्षा मंत्रालय को सौंपी गई थी। अब सरकार की मंजूरी का इन्तजार है।